विश्व बैडमिंटन महासंघ (BWF) के सर्किट पर आगामी टूर्नामेंटों के लिए सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में रहने के लक्ष्य के साथ भारत के लक्ष्य सेन रविवार को अपने शरीर के विस्तृत आकलन के लिए ऑस्ट्रिया रवाना हुए।
पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के करीब पहुंचने के बाद चौथे स्थान पर रहे अल्मोड़ा के 22 वर्षीय लक्ष्य के साल्जबर्ग में रेड बुल एथलीट परफोर्मेंस सेंटर में कई परीक्षण की मदद से विस्तृत आकलन होगा जिससे कि उनकी फिटनेस और खेल को बेहतर किया जा सके।
विमल ने कहा, लक्ष्य शारीरिक आकलन के लिए ऑस्ट्रिया जा रहा है। वहां एक अच्छा खेल संस्थान है जहां वह कुछ शारीरिक एक्सरसाइज करना चाहता है। वह आज रवाना हो गया और एक हफ्ते में लौट आएगा।
लक्ष्य के साथ उनके ट्रेनर गौरव और उत्तराखंड के 15 वर्षीय जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी निश्चल चंद भी गए हैं जो उन्हें सप्ताह भर खेल से जुड़ी जानकारी रखने में मदद करते हैं।
विमल ने कहा, परीक्षणों में मुख्य रूप से विशिष्ट स्ट्रैंथ से जुड़े पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। कई शीर्ष खिलाड़ियों ने वहां जाकर परीक्षण कराया है। हमने उसकी चोटों को लेकर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला के साथ भी सलाह मशविरा किया है।
उन्होंने कहा, अभी वह ठीक है लेकिन वह अपनी पूरी क्षमता के साथ खेलना शुरू करे उससे पहले उसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सही शारीरिक ट्रेनिंग करे और जब तक स्ट्रैंथ और अनुकूलन कार्यक्रम बिलकुल सटीक नहीं होगा तब तक उसे चोट लग सकती है। इसलिए हमें सही चीजें करनी होंगी।
लक्ष्य के इस साल सितंबर में हांगकांग सुपर 500 और चीन ओपन सुपर 1000 में खेलने की संभावना है।
बैडमिंटन शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा मेहनत करने वाला खेल है और विमल का मानना है कि लक्ष्य को अपनी संपूर्ण फिटनेस पर काम करते रहना चाहिए, खास तौर पर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि वह किस तरह का खेल खेलता है।
उन्होंने कहा, उसे निश्चित रूप से फिटनेस के पहलुओं पर बेहतर होने की जरूरत है, खास तौर पर गति, मजबूती और अन्य चीजों पर उसे काम करने की जरूरत है। क्योंकि वह जो खेल खेलता है, वह बहुत तेज गति वाला है।
विमल ने कहा, उसे बहुत ज्यादा डिफेंस करना पड़ता है और फिर वह बचाव को आक्रमण में बदल देता है।