हैदराबाद की इस छोरी ने किया कमाल, ओलंपिक से लेकर एशियन गेम्स तक हर जगह लहराया तिरंगा

नृपेंद्र गुप्ता
स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने एक बार फिर कमाल का प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए एक और पदक जीता। मंगलवार को फाइनल में सिंधू भले ही यह मुकाबला हार गईं लेकिन इस हार के बाद भी वह एशियन गेम्स की बैडमिंटन एकल स्पर्धा में भारत को रजत दिलाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। 
 
सिंधू एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं, जो एशियन गेम्स, राष्‍ट्रमंडल खेल और विश्व चैम्पियनशिप में भारत को पदक जिता चुकी हैं। हैदराबाद की सिंधू रियो ओलंपिक में भी भारत के लिए कांस्य पदक जीत चुकी हैं। यह उनका जुझारूपन ही है जो चीन, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड के मजबूत खिलाड़ियों के सामने वह लगातार मजबूत चुनौती पेश कर रही हैं। 
 
सिंधू इससे पहले गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में साइना से हारी थीं जबकि विश्व चैम्पियनशिप के  फाइनल में उन्हें स्पेन की कैरोलिना मारिन ने हराया था।
 
भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि सिंधू लगभग हर बड़ी प्रतियोगिता में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। भले ही वह फिलहाल फाइनल में आकर हार जाती हों पर उम्मीद है कि वह जल्द ही भारत को 'गोल्ड मेडल' भी दिलाएंगी।
 
सिंधू और साइना के रूप में हम बैडमिंटन में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे बैडमिंटन में भारत का स्वर्णिम काल कहा जा सकता है। अब भारत को इस खेल में तेजी से अन्य प्रतिभाओं को भी तराशना होगा ताकि इसका हाल भी टेनिस की तरह ना हो... 

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