नानजिंग। ओलिंपिक पदकधारी साइना नेहवाल और पीवी सिंधू ने गुरुवार को यहां सीधे गेम में जीत दर्ज कर महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया जबकि किदाम्बी श्रीकांत का सफर बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में खत्म हो गया।
साइना टूर्नामेंट के 2015 और 2017 चरण में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं। लंदन ओलंपिक कांस्य पदकधारी साइना ने थाईलैंड की 2013 की चैम्पियन रतचानोक इंतानोन को 21-16 21-19 से सीधे गेम में पराजित किया और अब उनका सामना ओलंपिक चैंपियन व दो बार की पूर्व विश्व चैम्पियन स्पेन की कैरोलिना मारिन से होगा।
पिछले चरण की रजत पदकधारी और तीसरी वरीय सिंधू ने तीसरे दौर के एक अन्य मुकाबले में कोरिया की नौंवी वरीय जि ह्यून सुंग को 21-10 21-18 से मात दी।
सिंधू अब अगले दौर में जापान की आठवीं वरीय नोजोमी ओकुहारा से भिड़ेंगी जिनसे वह पिछले साल टूर्नामेंट के फाइनल में हार गई थीं।
बी साई प्रणीत ने भी आसानी से पुरुष एकल के क्वार्टरफाइनल में जगह सुनिश्चित की। उन्होंने डेनमार्क के हैंस-क्रिस्टियन सोलबर्ग विटिंगस पर 21-13 21-11 से जीत दर्ज की और अब उनकी भिड़ंत छठे वरीय केंटो मोमोटो से होगी।
भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी गोह सून हुआत और शेवोन जेमी लाई की मलेशियाई जोड़ी पर शानदार जीत से पदक हासिल करने से महज एक कदम दूर हैं।
हालांकि पांचवें वरीय श्रीकांत का पदक जीतने का सपना मलेशिया के अनुभवी डेरेन लियू ने तोड़ दिया। लियू ने श्रीकांत को 41 मिनट तक चले मुकाबले में 21-18 21-18 से मात दी।
श्रीकांत ने कहा, 'मुझे मौका मिला था लेकिन शटल को अंदर नहीं रख सका। कई सारे स्मैश बाहर चले गए, कई सारी गलतियां हुईं। मुझे बेहतर तरीके से खेलना चाहिए था।'
साइना ने मैच के बाद कहा, 'यह बहुत अच्छी जीत है। वह भ्रम में डालने वाला गेम खेलती है। दूसरा गेम मेरे हिसाब से चल रहा था लेकिन अचानक ही उसने कुछ मुश्किल स्ट्रोक खेले जिससे वह 19-19 की बराबरी पर आ गयी। उस समय गोपी सर ने बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने मुझे बताया कि क्या करना चाहिए और मैंने वैसा ही किया और वह गेम मेरे पक्ष में हो गया।'
उन्होंने कहा, 'अब मेरे ऊपर दबाव कम है क्योंकि पिछले कुछ टूर्नामेंट में मैं क्वार्टरफाइनल की बाधा पार नहीं कर सकी हूं। लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों और एशियन चैम्पियनशिप में अच्छा खेली थी। लेकिन फार्म कभी इधर उधर हो जाती है लेकिन मैं खुश हूं कि महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में मैं फार्म में आ रही हूं।'
मारिन के खिलाफ मैच के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पिछली बार उससे डेनमार्क ओपन में खेली थी, वह काफी तेज और आक्रामक है। यह मेरे लिये चुनौतीपूर्ण मैच होगा और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक मिश्रित टीम स्वर्ण हासिल करने वाली सात्विकसाईराज और अश्विनी की जोड़ी ने दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी को 59 मिनट तक चले मुकाबले में 20-22 21-14 21-6 से शिकस्त दी।
अश्विनी ने पत्रकारों से कहा, 'पहले गेम में हमने काफी गलतियां की लेकिन दूसरे में हम अपनी रणनीति के बारे में काफी सुनिश्चित थे। हम खुश हैं कि हम ध्यान केंद्रित रखकर जीत हासिल कर सके।'
अब कल दुनिया की 40वें नंबर की भारतीय जोड़ी का सामना झेंग सिवेई और हुआंग याकियोंग की चीन की नंबर एक और शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी से होगा।
पहले गेम में मलेशियाई जोड़ी ने ब्रेक तक 11-8 से बढ़त बना ली थी लेकिन भारतीय जोड़ी ने इसे जल्द ही 14-14 की बराबरी पर ला दिया और एक समय 18-16 से बढ़त भी बनाये रखी लेकिन प्रतिद्वंद्वी टीम ने संयम बरतते हुए इस गेम को अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में गोह और शेवोन ने 5-2 से बढ़त बनाई, पर अश्विनी और सात्विक 9-9 की बराबरी पर आ गए और फिर आसानी से इस गेम को जीतकर 1-1 से बराबर हो गए।
निर्णायक गेम में भारतीय जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया और आक्रामक खेल दिखाते हुए ब्रेक तक 11-4 की बढ़त बना रखी थी। उन्होंने यही लय जारी रखते हुए मैच अपने नाम कर लिया। (भाषा)