महिला और अश्वेत होना रहा चुनौतीपूर्ण : सेरेना विलियम्सन
बुधवार, 28 दिसंबर 2016 (23:04 IST)
न्यूयॉर्क। टेनिस की दुनिया में लंबे समय से अपनी धाक जमाकर रखने वाली अमेरिका की सेरेना विलियम्सन का मानना है कि एक महिला होने और साथ ही अश्वेत होने से उन्हें करियर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
22 बार की ग्रैंड स्लेम चैंपियन सेरेना के लिए वर्ष 2016 कुछ खास नहीं रहा जहां वह तीन मेजर टूर्नामेंटों के फाइनल में पहुंची लेकिन सिर्फ एक ही जीत पाईं और साथ ही 187 सप्ताह तक विश्व में नंबर वन रहने के बाद अपनी शीर्ष रैंकिंग भी गंवा बैठीं, लेकिन इसके बावजूद सेरेना को दुनिया की बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी माना जाता है।
हालांकि करियर की इतनी ऊंचाइयों के बावजूद सेरेना का मानना है कि महिला होने के कारण उनकी उपलब्धियों को उतना सम्मान नहीं मिला जितना पुरुषों को दिया जाता है। अमेरिकी खिलाड़ी ने एक साक्षात्कार में कहा, मुझे लगता है कि एक महिला और साथ ही अश्वेत होने से समाज में उन्हें कई परेशानियां उठानी पड़ी हैं, लेकिन देर से ही सही मैं औरतों के अधिकारों के बारे में बात कर सकी हूं जो उनके रंग की वजह से खो जाता है।
उन्होंने कहा, शायद यदि मैं पुरुष होती तो मुझे निश्चित ही बहुत पहले महान खिलाड़ी मान लिया जाता। सेरेना ने कहा, यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है कि जब नस्लवाद या महिलाओं के बारे में कुछ आपत्तिजनक बात होती है तो आप कुछ कह न सकें जबकि आप बहुत कुछ महसूस कर रहे होते हैं। कई बार मुझे अपने शरीर के लिए भी बहुत भद्दे कमेंट का सामना करना पड़ा है, लेकिन फिर मुझे लगा कि इसी शरीर ने मुझे इस स्तर तक पहुंचाया है।
पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ने कहा, मेरा शरीर अब स्टाइल में है। मुझे इस बात की खुशी है। मैं अपने परिजनों की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझमें इतना भरोसा दिखाया। मैं आज जो भी हूं मुझे उस पर गर्व है।
इसी वर्ष अमेरिका में एक अश्वेत युवक को पुलिस अधिकारी के गोली मारने के बाद भी सेरेना ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। उन्होंने अपने संदेश में कहा था कि यदि वह अब नहीं बोल सकीं तो कभी भी अपनी बात नहीं रख पाएंगी। उन्होंने कहा था कि वह अब अश्वेत होने के कारण घबराने लगी हैं कि कभी उनके साथ भी ऐसा कोई हादसा हो सकता है।
सेरेना ने साथ ही महिलाओं के लिए भी अपने एक संदेश में उन्हें बड़े सपने देखने की अपील की थी। उन्होंने कहा, महिलाओं ने कई बाधाओं को पार किया है। लेकिन हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि हम पुरुष नहीं महिला हैं और क्या यह कोई गलती है। जब लीब्रान, फेडरर या टाइगर महान खिलाड़ी कहे जा सकते हैं तो कोई महिला महान खिलाड़ी क्यों नहीं कही जा सकती है? (वार्ता)