नूर सुल्तान। पद्मभूषण से सम्मानित कुश्ती गुरु महाबली सतपाल के शिष्यों ने यहां चल रही विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में कमाल का प्रदर्शन करते हुए देश को गौरवान्वित किया है। महाबली सतपाल ने अपने शिष्यों की उपलब्धियों पर कहा, मुझे ख़ुशी है कि दीपक फाइनल में पहुंच गए हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे कल स्वर्ण पदक भी जीतेंगे और सुशील का इतिहास दोहराएंगे।
द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच सतपाल नूर सुल्तान में अपने शिष्यों का हौसला बढ़ने के लिए खुद मौजूद हैं। सतपाल के शिष्य दीपक पुनिया 86 किग्रा वर्ग के फाइनल में पहुंच गए हैं, जबकि रवि कुमार 57 किग्रा में कांस्य पदक जीत चुके हैं। दोनों ने ओलंपिक कोटा भी हासिल किया है।
महाबली सतपाल ने अपने शिष्यों की उपलब्धियों पर कहा, मुझे ख़ुशी है कि दीपक फाइनल में पहुंच गए हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे कल स्वर्ण पदक भी जीतेंगे और सुशील का इतिहास दोहराएंगे। रवि ने भी कांस्य पदक जीता है और ओलंपिक कोटा हासिल किया है। ये दोनों पहलवान अगले साल टोकियो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाएंगे।
सतपाल के शिष्य दीपक पुनिया ने 86 किग्रा फ्रीस्टाइल ओलंपिक वजन वर्ग में इतिहास बना दिया है। दीपक अब सतपाल के ही शिष्य सुशील कुमार के 2010 में मॉस्को में हुई विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के इतिहास की बराबरी करने से एक कदम दूर रह गए हैं। सुशील विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान हैं। सुशील हालांकि इस बार अपने 74 किग्रा वर्ग में शुरू में ही पराजित हो गए।
दीपक से पहले सतपाल के ही एक अन्य शिष्य रवि कुमार ने 57 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता था और देश को ओलंपिक कोटा भी दिलाया था। उल्लेखनीय है कि सुशील ने 2010 में जब मॉस्को में स्वर्ण पदक जीता था, तब सतपाल उनके साथ मॉस्को में मौजूद थे और रवि तथा दीपक की कामयाबी के समय भी वह नूर सुल्तान में मौजूद हैं।
इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाले दुनिया के नंबर एक पहलवान बजरंग पुनिया बेशक इस समय योगेश्वर दत्त के अखाड़े में ट्रेनिंग करते हैं लेकिन बजरंग की शुरुआती ट्रेनिंग सतपाल के छत्रसाल अखाड़े में हुई थी।