प्रोजेक्ट में रोड़ा बने हैं हम्माम

गुरुवार, 9 अप्रैल 2009 (21:33 IST)
एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के पूर्व महासचिव पीटर वेलप्पन ने एएफसी अध्यक्ष मोहम्मद बिन हम्माम पर फीफा के 'विन इन इंडिया विद इंडिया' प्रोजेक्ट में देरी करने का आरोप लगाया और दावा किया कि 'विजन एशिया प्रोग्राम' के लिए भी कतर का यह अधिकारी ही जिम्मेदार है।

हम्माम के साथ 2002 से 2006 तक महासचिव रहे वेलप्पन यहाँ बहरीन के शेख सलमान बिन इब्राहिम अल खलीफा के समर्थन में आए हुए हैं, जो कुआलालम्पुर में आठ मई को होने वाले एएफसी चुनावों में फीफा कार्यकारी समिति की सीट के लिए हम्माम के खिलाफ खड़े हैं।

वेलप्पन ने कहा कि 2002 से एएफसी अध्यक्ष पद पर काबिज हम्माम ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रियरंजन दासमुंशी और महासचिव अल्बर्टो कोलासो को कभी पसंद नहीं किया और यही कारण है कि वह नहीं चाहते कि फीफा की परियोजना लागू हो।

उन्होंने कहा कि हम्माम ने कभी दासमुंशी और कोलासो को पसंद नहीं किया। यही कारण है वह फीफा क विन इन इंडिया विद इंडिया प्रोजेक्ट में रोड़ा अटका रहे हैं।

वेलप्पन ने दावा किया कि हम्माम को कभी विजन एशिया प्रोग्राम पसंद नहीं आया जो कि उनके दिमाग की उपज था। उन्होंने कहा इसके अलावा उन्हें मेरा विजन एशिया प्रोग्राम भी पसंद नहीं था और इसलिए मैं हट गया। मैं विजन एशिया प्रोग्राम में तेजी लाना चाहता था जिसे उन्होंने मंजूर नहीं दी। उन्होंने कहा कि इसी वजह से विजन इंडिया प्रोग्राम भी काफी प्रभावित हुआ।

वेलप्पन ने इसके साथ ही कहा कि शेख सलमान को संघ के सदस्यों का पर्याप्त समर्थन हासिल है ताकि वह फीफा कांग्रेस में एएफसी का प्रतिनिधित्व कर सकें।

आठ मई को होने वाले चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गए हैं क्योंकि हम्माम ने कहा है कि यदि वह फीफा सीट के लिए चुनाव में हार जाते हैं तो एएफसी अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे देंगे।

एएफसी के फीफा में चार सदस्य है जिनमें एक उपाध्यक्ष और तीन कार्यकारी समिति के सदस्य शामिल हैं। दक्षिण कोरिया के चुआंग मून जून जहां उपाध्यक्ष हैं वहीं जापान के जुंजी ओगुरा पूर्वी एशिया और थाईलैंड के वोरावी मुकुडी एशियान क्षेत्र का प्रतिनधित्व करते हैं।

हम्माम पश्चिम क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं। अभी अन्य तीन का कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ है और यह जंग केवल पश्चिम एशिया सीट के लिए हम्माम और शेख सलमान के बीच है।

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