मगर हौसला है बुलंद

शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2010 (19:10 IST)
प्रवीण सिन्हा

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कहने के लिए वे विकलांग एथलीट हैं, लेकिन दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्णिम सफलता हासिल करने को लेकर उनके हौसले बुलंद हैं। पैरा स्पोर्ट्स में भारतीय दल को कम से कम आधा दर्जन पदक जीतने की उम्मीद है। खेलगाँव में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय जत्थे में शामिल पैरा स्पोर्ट्स के खिलाड़ी कठिन अभ्यास में जुट गए हैं।

भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच डॉ. सत्यपालसिंह ने कहा कि भारतीय दल इंग्लैंड में हुई पैरा एशियाई क्वालीफाइंग मीट में शानदार प्रदर्शन करके लौटा है। खुशी की बात है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल सभी खिलाड़ियों ने पैरा एशियाई के लिए क्वालीफाई कर लिया है जिससे उनके हौसले बुलंद हैं। एथलेटिक्स और पावर लिफ्टिंग में भारतीय खिलाड़ी कड़ी चुनौती पेश करेंगे। इसके अलावा टेबल टेनिस और तैराकी में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जो पदक जीतने लायक प्रदर्शन के बेहद करीब हैं।

भारत के लिए पदक जीतने के प्रबल दावेदारों के बारे में उन्होंने कहा कि पुरुषों की एथलेटिक्स टीम से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। 46 कैटगरी (जिस एथलीट का एक हाथ न हो या फिर एक हाथ काम न कर रहा हो) में शामिल संदीप, मार्कंडेय रेड्डी और जसबीरसिंह 100 मी. दौड़ में भाग लेंगे। इन सबकी टाइमिंग 11.1 से 11.2 सेकंड है जो पदक जीतने के काफी करीब है। इन सभी खिलाड़ियों ने इंग्लैंड में जबरदस्त सफलताएँ हासिल की हैं। इनके अलावा शॉटपुट में अमित कुमार से भी काफी उम्मीदें हैं। इसके बाद महिला पावर लिफ्टिंग में भारती, राजदीप और रोशनी कम्बाइंड कैटगरी में चुनौती पेश करेंगी। पुरुष वर्ग में फरमान पास्ता, राजिंदर और सचिन चौधरी से भी हमें काफी उम्मीदें हैं। हालाँकि प्रतिद्वंद्वियों के बारे में शुक्रवार को पता चलेगा, लेकिन हमें अपने खिलाड़ियों से पदक जीतने का पूरा भरोसा है।

दूसरी ओर टेबल टेनिस टीम के कोच राज अरविंदन ने दावा किया कि उनकी महिला टीम दाँव पर लगा एकमात्र स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदार है। भाविना, सोनल पटेल और उषा काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। भारतीय दल को इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, केन्या और नाइजीरिया से कड़ी टक्कर मिलेगी।

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