सात बार की राष्ट्रीय युगल बैडमिंटन चैंपियन ज्वाला गुट्टा ने कहा कि 3 अक्टूबर से होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के बैडमिंटन में अवसर उजले हैं। उनके अनुसार इस बार मेजबान टीम बेहद तग़ड़ी है और उसके कम से कम 4 स्वर्ण पदक जीतेगी।
भारत की शीर्षस्थ युगल खिला़ड़ी ज्वाला ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ी नकारात्मक खबरों के कारण भारतीय खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव रहेगा।
उन्होंने कहा कि मैं तो अभी तक खेलगाँव नहीं गई हूँ, लेकिन मेरे साथियों ने बताया कि यह विश्व स्तरीय है। हर बड़े आयोजन के समय थो़ड़ी कमियाँ रह जाती है, लेकिन हमारे मीडिया ने सिर्फ नकारात्मक खबरों को प्रमुखता से पेश किया, जिससे बचा जा सकता था।
मीडिया को रिपोर्टिंग करते वक्त ज्यादा जिम्मेदारी से अपना दायित्व निभाना चाहिए। हमारी मीडिया में जो कुछ भी दिखाया/प्रकाशित किया उसी के आधार पर विदेशी खिलाड़ियों में गेम्स को लेकर छवि बन गई। मेरा यह तीसरा कॉमनवेल्थ गेम्स है और इस बार भारत सरकार ने खिलाड़ियों की काफी मदद की है। मैं दावे से कह सकती हूँ कि इस बार बैडमिंटन में देश को कम से कम 4 स्वर्ण पदक मिलने के प्रबल अवसर है।
ज्वाला ने कहा - मैंने अपना पूरा जीवन बैडमिंटन को समर्पित कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस बात का अफसोस है कि भारत में युगल बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रायोजक नहीं मिलते हैं। मेरी तथा वी. डीजू ने देश को मिश्रित युगल वर्ग में पहचान दिलाई तथा हम दुनिया की शीर्ष ६ जो खिलाड़ियों में शुमार रहे, लेकिन हमें कोई प्रायोजक नहीं मिल पाया। मैं कोई शिकायत नहीं कर रही हूँ, लेकिन हम इसके हकदार है।
ज्वाला-डीजू विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय जो़ड़ी बनी। उन्होंने यह सफलता 2009 तथा 2010 की विश्व चैंपियनशिप के दौरान हासिल की थी। उन्होंने 2009 में चीनी ताइपे ग्रांप्रि गोल्ड स्पर्धा का खिताब जीता था और मलेशियाई सुपर सिरीज में यह जो़ड़ी उपविजेता रही थी। (नईदुनिया)