स्मिथ:मजबूत बल्लेबाज, बेहतरीन कप्तान

-शराफत खान

ग्रीम स्मिथ को दक्षिण अफ्रीका टीम की कप्तानी तब सौंपी गई थी, जब‍ वे केवल 22 वर्ष के थे। इस खब्बू बल्लेबाज ने अपनी काबिलियत अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही साबित कर दी थी और जब विश्व कप 2003 के बाद उन्हें जैक्स कैलिस, हर्शल गिब्स, मार्क बाउचर, गैरी कर्स्टन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों पर तरजीह देकर दक्षिण अफ्रीका टीम का कप्तान बनाया गया तो इसे हैरतभरा निर्णय माना गया।

स्मिथ ने अपने कौशल से न केवल खुद को एक सफल कप्तान साबित किया, बल्कि बल्ले से कई बार टीम की जीत की नींव रखी। एकदिवसीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 434 रनों के स्कोर को सफलतापूर्वक हासिल करने में स्मिथ ने अपने बल्ले से दक्षिण अफ्रीका की जीत की कहानी लिखी। इसके अलावा उन्होंने कई मैचों में टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सिरीज में दक्षिण अफ्रीका को 2-0 से अपराजय बढ़त दिलवाने में स्मिथ ने न केवल बेहतरीन कप्तानी की, बल्कि टीम को अपनी बल्लेबाजी से उम्दा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। तीन टेस्ट मैचों की सिरीज में लगातार दो टेस्ट जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में पहला स्थान छीनने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। काबिले गौर है कि दक्षिण अफ्रीका की इस जीत में उसके कप्तान ने मुख्य भूमिका निभाई है।

दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में स्मिथ ने 48, 105, 62 और 75 के स्कोर बनाए। ये पारियाँ ऐसे समय और महत्वपूर्ण हो जाती हैं, जबकि इनसे टीम को जीत मिली हो। 150 और 75 रनों के स्कोर स्मिथ ने मैच की चौथी पारी में बनाए और टीम को जीत दिलाई। पर्थ टेस्ट में स्मिथ ने अपने शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के 414 रनों के विशाल स्कोर को भेदने में टीम का मार्ग प्रशस्त किया।

कप्तान के तौर पर अच्छी पारियाँ खेलना ही महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि टीम को मैच में एक दिशा देना और हर खिलाड़ी को उसकी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन करने का अवसर देना भी जरूरी है। स्मिथ यहाँ भी सफल रहे। कुछ समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे जैक्स कैलिस और नील मैकेंजी पर स्मिथ ने भरोसा जताया और इन खिलाड़ियों ने भी अपने कप्तान के विश्वास को सही साबित करते हुए उम्दा प्रदर्शन किया। कैलिस और मैकेंजी अपने फॉर्म को पा चुके हैं।

मेलबोर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी 101 और 99 के स्कोर बनाए, लेकिन वे टीम को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उसमें समुचित ऊर्जा का संचार नहीं कर पाए। या कहें कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की धार कुंद हो गई है और उसके प्रमुख बल्लेबाज रनों के लिए भूखे नहीं लग रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस श्रृंखला में अपने बल्लेबाजों के साथ-साथ अपने गेंदबाजों के फॉर्म से भी जूझ रही है, जिससे कप्तान की चिंता बढ़ गई है।

ऑस्ट्रेलिया को कई मैच जिताने वाले मैथ्यू हैडन, ब्रेट ली, माइकल हसी फिलहाल अपने फॉर्म में नहीं हैं। ली तो बुरी तरह असफल रहे हैं और पोंटिंग पर्थ टेस्ट में हार की वजह ली की असफलता को मानते हैं। ली के लिए यह मुश्किल समय है और ऐसे में उन्हें अपने कप्तान का सहयोग भी प्राप्त नहीं है।

बहरहाल, इस टेस्ट सिरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम की हार से ज्यादा दक्षिण अफ्रीका की जीत की चर्चा जरूरी है। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय से नंबर एक टीम के लिए जंग चली आ रही है और फिलहाल स्मिथ स्क्वाड ने बाजी मार ली है।

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