यह सत्र नए संवत (दिवाली से शुरू होने वाला हिंदू कैलेंडर वर्ष) की शुरुआत का भी प्रतीक है। माना जाता है कि मुहूर्त या शुभ घंटे के दौरान कारोबार करने से हितधारकों के लिए समृद्धि और वित्तीय वृद्धि होती है। दिवाली पर बाजार नियमित कारोबार के लिए बंद रहेगा, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए विशेष कारोबारी खिड़की खुली रहेगी।