War Threat and Share market : अप्रैल में निवेशकों को ट्रंप टैरिफ से राहत मिल ही रही थी कि आतंकियों ने पहलगाम में हमला कर दिया। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनती नजर आ रही है। युद्ध काल में कैसा रहता है मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : शेयर बाजार के लिए इस हफ्ते की शुरुआत जबरदस्त रही। सोमवार को सेंसेक्स 1,006 अंक उछला तो निफ्टी में भी 289 अंकों की जोरदार तेजी रही। मंगलवार और बुधवार को शेयर बाजार लगभग फ्लैट ही रहे। गुरुवार को महाराष्ट्र दिवस की छुट्टी थी। हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स हरे निशान में बंद हुआ। हालांकि बाजार में निवेशकों ने जमकर मुनाफा वसूली भी की। इस दिन निफ्टी में मात्र 12 अंकों की तेजी थी।
पिछले हफ्ते आए कंपनियों के बेहतर परिणामों की वजह से पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुआ तनाव भी बाजार की सकारात्मक धारणा पर कोई असर नहीं डाल पाया। इस वजह से हफ्ते की शुरुआत सकारात्मक रही। भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार अप्रैल में सुधरी और जून 2024 के बाद से सबसे तेज गति से उत्पादन बढ़ा। अप्रैल में जीएसटी संग्रह भी 12.6 प्रतिशत उछलकर लगभग 2.37 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई सकारात्मक खबरों के बाद भी इसके बाद पूरे हफ्ते बाजार में निवेशक सर्तक ही रहे।
बहरहाल भारतीय शेयर बाजारों के लिए अप्रैल माह ठीक ही रहा है। ट्रंप टैरिफ से मिली राहत ने निवेशकों न सिर्फ नई उम्मीदें दी बल्कि उन्हें तेजी से वापसी का मौका भी दिया। बहरहाल भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका से मई में निवेशकों के सामने नई समस्या खड़ी नजर आ रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है। इस स्थिति में निवेशकों को मई माह में विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो कोई भी टेक्निकल या फंडामेंटल फेक्टर काम नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि युद्ध शुरू होने से पहले या युद्ध के शुरुआती दौर में ही बाजार अपना लो बना लेता है। जैसे जैसे युद्ध आगे बढ़ता है, बाजार रिकवर करने लगता है। 1971 के युद्ध के साथ ही करगिल वॉर के समय भी ऐसा ही पेटर्न देखने को मिला था। इजराइल हमास युद्ध और रूस युक्रेन युद्ध के समय भी यही पैटर्न दिखाई दिया।
बागौरा ने निवेशकों को सलाह दी कि इस माह सतर्क रहे। युद्ध की आशंका टलने तक या उसके खत्म होने तक इंतजार करें। जून माह से बाजार में निवेश किया जा सकता है। निवेश के लिए बॉटम का इंतजार करें। अगर टफ टाइम में भी बाजार में बने रहना चाहते हैं तो पोर्टफोलियो को हेज करके चलें।
इन शेयरों में दिखी तेजी : इस हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, मारुति, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी रही। डिफेंस कंपनी के शेयरों में भी तेजी का माहौल रहा। एचसीएल टेक, अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में गिरावट का रुख रहा। अडाणी पोर्ट्स का मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत बढ़ा है। इस वजह से शुक्रवार को इसके शेयरों में निवेशकों ने काफी दिलचिस्पी दिखाई। अगले हफ्ते भी यह हर निशान में दिखाई दे सकता है। एसबीआई की वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में उसका एकल मुनाफा 10 प्रतिशत घटकर 18,643 करोड़ रुपए रहा। अगले हफ्ते एसबीआई के शेयरों पर भी इसका असर दिखेगा।
सेबी का बड़ा फैसला : बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को शेयर ब्रोकरों को गिफ्ट सिटी स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में परिचालन की अनुमति दे दी। इसके लिए उन्हें पहले से इसकी मंजूरी नहीं लेनी होगी। गिफ्ट-आईएफएससी में एसबीयू की सभी गतिविधियां उस नियामक प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में होंगी। करेंसी बाजार अब 5 के बजाए 7 बजे तक चलेगा। आने वाले समय में शेयर मार्केट में भी ट्रेडिंग टाइम भी बढ़ने की संभावना है।
कैसा रहा FII का रुख : भारतीय शेयर बाजार में इस हफ्ते विदेशी निवेशक लिवाल बने रहे। सोमवार को उन्होंने 2,474.10 करोड़ रुपए के शेयर खरीदेँ। मंगलवार को उन्होंने शुद्ध रूप से 2,385.61 करोड़ रुपए के शेयरों की लिवाली की। अप्रैल माह के आखिरी दिन भी एफआईआई ने शुद्ध रूप से 50.57 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। 2 मई को शेयर बाजार के पहले कारोबारी दिन FII ने शुद्ध रुप से 2769 करोड़ रुपए की खरीदी की।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।