नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) निवेश ट्रस्ट रीट और इनविट के लिए यूनिट आधारित रोजगार लाभ योजना लेकर आया है। इसकी रूपरेखा के तहत सेबी ने ट्रस्ट के माध्यम से योजना को लागू करने के तौर-तरीकों को रखा है
इसमें कर्मचारी लाभ ट्रस्ट द्वारा यूनिट प्राप्त करने का तरीका और रीट (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और इनविट (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) की तरफ से कर्मचारी लाभ ट्रस्ट को यूनिट के आवंटन का तरीका निर्धारित किया गया है।
सेबी ने दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा है कि यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ योजना कर्मचारी यूनिट विकल्प योजना की तरह होगी। कर्मचारी यूनिट विकल्प योजना के तहत निवेश प्रबंधक कर्मचारी लाभ ट्रस्ट के माध्यम से अपने कर्मचारियों को यूनिट विकल्प प्रदान करता है।
योजना का क्रियान्वयन एक अलग कर्मचारी लाभ ट्रस्ट (ईबी ट्रस्ट) के माध्यम से किया जाएगा। इसे रीट प्रबंधक या इनविट निवेश प्रबंधक सृजित कर सकता है। ईबी ट्रस्ट के पास उपलब्ध यूनिट का उपयोग केवल यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ प्रदान करने के सीमित उद्देश्य के लिए किया जाएगा।
सेबी के अनुसार, यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ प्रदान करने को लेकर निवेश प्रबंधक या प्रबंधक, प्रबंधन शुल्क के बदले में इनविट/रीट के यूनिट प्राप्त कर सकते हैं।
ईबी ट्रस्ट प्रबंधक या निवेश प्रबंधक के कर्मचारियों को यूनिट-आधारित लाभ प्रदान करने के अलावा अपने पास रखे रीट/इनविट के यूनिट का कोई हस्तांतरण या बिक्री नहीं करेगा। ईबी ट्रस्ट का न्यासी उसके पास उपलब्ध रीट/इनविट की यूनिट के कारण वोट देने के पात्र नहीं होंगे।
सेबी ने इसे अमल में लाने के लिए रीट और इनविट नियमों में संशोधन किया है। यह 12 जुलाई से अमल में आ गया है। भारतीय बाजार में रीट और इनविट निवेश की नई धारणा है। अच्छे रिटर्न और पूंजी वृद्धि की वजह से यह वैश्विक बाजार में काफी लोकप्रिय है।
रीट वाणिज्यिक अचल संपत्ति को जबकि इनविट में राजमार्ग जैसी बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों को शामिल किया जाता है। (भाषा)