एक विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर बाजारों से आकर्षक रिटर्न मिलने, खाता खोलने की प्रक्रिया सुगम होने और वित्तीय बचत में वृद्धि से डीमैट खातों की संख्या में इतनी तेज वृद्धि हुई है। इस तरह के खातों में क्रमिक वृद्धि दिसंबर में उससे पहले के तीन महीनों की तुलना में अधिक रही। हालांकि यह वित्त वर्ष 2021-22 की औसत खाता संख्या 29 लाख से कम ही है।
यस सिक्योरिटीज के पीआरएस इक्विटी रिसर्च प्रमुख निस्ताशा शंकर का मानना है कि हर महीने जुड़ने वाले खातों की वृद्धि दर सुस्त पड़ने के पीछे मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध, उच्च ब्याज दर का माहौल एवं बढ़ती मुद्रास्फीति और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण देखी गई अस्थिरता कारण रही है।