चतुर्थी विशेष : आज शाही तिल-गुड़ मोदक से लगाएं श्री गणेश को भोग

किसी भी गणेश पूजा के अवसर पर विघ्नहर्ता भगवान गणपति को मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए, क्योंकि मोदक उनका प्रिय व्यंजन है। अब चाहे विनायक, अंगारकी, संकष्टी या कोई सी भी चतुर्थी हो, श्री गणेश को मोदक और लड्‍डू का भोग अवश्‍य लगाना चाहिए। इससे प्रसन्न होकर श्री गणेश अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। 
 
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं शाही तिल-गुड़ मोदक बनाने की सरल विधि-  
 
सामग्री :
 
1 कटोरी मैदा, 1 कटोरी तिल, 1 से डेढ़ कटोरी गुड़ बारीक किया हुआ, मेवे की बारीक कतरन पाव कटोरी, थोड़ी-सी इलायची पावडर, घी तलने के लिए। 
 
विधि :
 
सबसे पहले मैदे को छलनी से छान लें। अब मैदे में एक बड़ा चम्मच घी का मोयन देकर आटा गूंथ लें। तत्पश्चात तिल को सेंक कर मिक्सी में हल्के से बारीक कर लें। एक बर्तन में गुड़ की चाशनी तैयार करके आंच से उतार लें। अब उसमें तिल, मेवे की कतरन और इलायची मिला लें। फिर मैदे की छोटी-छोटी लोइयां बना कर हल्के से बेलें और उसमें तिल-गुड़ का मिश्रण भर कर मोदक बना लें। 
 
ध्यान रहे मिश्रण थोड़ा नरम ही रहें। सभी मिश्रण के मोदक बन जाने पर गरम घी में धीमी आंच पर तल लें। तैयार तिल-गुड़-मेवे के स्वादिष्‍ट शाही तिल-गुड़ मोदक से भगवान को भोग लगाएं।

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