अमेरिका ने 48 घंटे के अंदर 13 जवानों की मौत का बदला आतंकी संगठन आईएस से ले लिया है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस के ठिकानों पर किए ड्रोन से हमले किए हैं। दावा किया जा रहा है कि इस बमबारी में काबुल ब्लास्ट का मास्टर माइंड मारा गया है। नांगहर प्रांत में किया गया आईएस के क्वार्टर मानवरहित ड्रोन से निशाना बनाया गया। अमेरिका के ड्रोन दुनिया में किसी भी जगह तबाही कर सकते हैं। जानिए अमेरिका की आकाशीय सैन्य ताकत के बारे में-
अमेरिका के पास अत्याधुनिक MQ-9 रीपर ड्रोन है। अमेरिकी एयरफोर्स के सबसे खास हथियारों में से एक यह है। इस ड्रोन को खासतौर से इसी तरह के अभियानों के लिए लिए डेपलप किया गया है। ड्रोन चुपके से दुश्मन के खेमे में घुसकर अपने काम को अंजाम देने में माहिर है। 370 किलोमीटर की स्पीड से उड़ान भरने वाला यह ड्रोन करीब 2,000 किलोमीटर की दूरी से भी सटीक निशाना लगा सकता है। इसकी तकनीक इस ढंग से है कि यह हाई वैल्यू के हमले करने में सक्षम है। यह इतना सटीक है कि टाइम के अनुसार निशाना लगा सकता है।
MQ-9 रीपर ड्रोन की विशेषताएं : MQ-9 रीपर ड्रोन सटीक हमला करने के अलावा खुफिया निगरानी, टोह लेने, एयर सपोर्ट बंद करने, बचाव अभियान, किसी काफिले पर नजर रखने के भी काम आता है। इसके अलावा रूट क्लीयरेंस, टारगेट पर नजर रखने आदि जैसा काम भी यह बखूबी निभाता है। यह खतरनाक ड्रोन 4 लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस है, जो हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है। इसका निशाना इतना सटीक है कि सीधे टारगेट को ही खत्म करता है और आसपास कुछ नुकसान नहीं होता।
बी-52 बॉम्बर : शीतयुद्ध के जमाने के बी-52 बमवर्षक विमान ने अपनी पहली उड़ान 1950 के दशक में भरी थी। इसके बाद इसके कई अपग्रेडेड वर्जन आज भी अमेरिकी वायुसेना में बमबारी की कमान संभाले हुए हैं। इस विमान ने अपनी सटीक बमबारी से इराक, सीरिया, अफगानिस्तान और वियतनाम के युद्धों में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। बी-52 बॉम्बर एक बार में 70,000 पाउंड के पेलोड को लेकर 12,874 किलोमीटर तक की दूरी तक उड़ान भर सकता है। यह विमान अपने एक हमले से किसी बड़े शहर को तबाह करने की क्षमता रखता है।