अफगानिस्तान पर खूंखार आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद उसने राजधानी काबुल का जिम्मा अपने एक सहयोगी आतंकी गुट हक्कानी नेटवर्क को सौंपा है। कहा जाता है कि हक्कानी नेटवर्क तालिबान से भी ज्यादा खूंखार है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान से सीधा संबंध होने की वजह से भी यह आतंकी संगठन अब भारत के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गया है।
अफगानिस्तान पर अपने कब्जे के बाद तालिबान ने राजधानी काबुल का जिम्मा अपने एक सहयोगी आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को सौंपा है। हक्कानी संगठन का नाम कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है, जिनमें में से 2 घटनाएं भारतीय दूतावास पर बड़े आत्मघाती हमले से जुड़ी हैं।
इस संगठन में 10 हजार से लेकर 15 हजार आतंकी होने का अनुमान है। वर्तमान में हक्कानी नेटवर्क को सिराजुद्दीन संभाल रहा है और अगर अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनती है, तो सिराज को उपराष्ट्रपति भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा सिराज के छोटे भाई अनस हक्कानी को काबुल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।