उन्होंने कहा, मैं बार बार कहती हूं, सुधर जाओ। पड़ोस में देखो क्या हो रहा है। अमेरिका को बोरिया-बिस्तर लेकर जाना पड़ा। जिस तरह से वाजपेयी जी ने बात शुरू की थी उसी तरह से बात शुरू करो, नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। महबूबा ने कहा, जम्मू-कश्मीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, इस गलती को सुधारो। लोग सोचते हैं कि ये क्या करेंगी, लेकिन कभी-कभी एक चींटी हाथी के सूंड में घुस जाती है तो उसका भी जीना मुश्किल कर देती है।