क्या आपने कभी अपने उन हालात के बारे में सोचा है, जब कार तो क्या रिक्शा भी आपको न मिले! आपके पास पैसे भी न हों? सीधी-सी बात है कि कोई भी ऐसी स्थिति में फँसना नहीं चाहेगा! लाखों रुपए के लालच में भी आप ऐसा करना नहीं चाहेंगे, लेकिन आलिया यह सब करने को तैयार है, जो शायद कोई भी करना नहीं चाहे!
हर शनिवार शाम 7 बजे शुरू हुए यूटीवी- बिंदास टीवी के "बेग बौरो स्टील-एक्सट्रीम एडीशन" रियलिटी शो के नए सीजन में आलिया फिर अपनी जिंदगी की सबसे कठिन यात्रा पर निकल पड़ी है। बेग बौरो स्टील के इस नए सीजन में देखेंगे आलिया को कच्छ के रण के आर-पार अहमदाबाद से काला डुंगर तक की यात्रा पर निकलते हुए।
कच्छ का रण दुनिया में एक सबसे सुनसान और कठिन रास्ता माना जाता है। इसमें मुश्किल में फँसकर जीवित रहना मामूली बात नहीं है। किसी बाहरी व्यक्ति के लिए यह जिंदगी के इम्तिहान से कम नहीं है। आलिया को अधिकतम 7 दिन में एक हजार किलोमीटर की दूरी तय करने की चुनौती को जीतने के लिए इस कठिन रास्ते को फतह करना होगा।
यात्रा के दौरान यदि वह दी गई किसी खास जिम्मेदारी को पूरा करने में नाकामयाब रहती है, तो उसे दंड भी भुगतना पड़ेगा। यह दंड भी उसे कच्छ के रण की निर्मम राह में ही पूरा करना होगा। इनमें एक है, दो गैलन छाछ लेकर साइकल से ऊँचाई की ओर जाना और स्थानीय प्यासे लोगों के बीच उसे बाँटना।
इस यात्रा को और कठिन बनाने के लिए आलिया को जिंदगी की बुनियादी जरूरतों जैसे पानी, रुपए, नक्शा, मोबाइल, कम्पास आदि से भी महरूम रखा जाएगा, जो उसे पहले सीजन में दिया गया था।
बहादुर आलिया ने नए सीजन के बारे में बताया कि मैं पहले वाले सीजन का अनिवार्य हिस्सा रही हूँ और इसमें सफल भी रही। फिर भी जहाँ तक इस सीजन की बात है, दाँव सचमुच मुश्किल है! कच्छ के रण में मुझे अधिकतम 7 दिन में हजार किलोमीटर की यात्रा करना है। यह वक्त के खिलाफ एक जानलेवा दौड़ जैसा है।
यूटीवी-बिंदास के बिजनेस हेड कीथ अलफोंसो का कहना है कि "बेग बौरो स्टील" में दिखाया गया है कि मनुष्य अपने उत्साह से किस तरह कठिन परिस्थितियों में जीत हासिल कर सकता है।