इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने सीरिया में 15 साल के एक लड़के को समलैंगिक होने के आरोप में छत से फेंक कर मौत के घाट उतार दिया। मगर, जिस इस्लामिक लड़ाके ने उसके साथ दुष्कर्म किया उसे छोड़ दिया गया और मौत की सजा नहीं दी गई।
डेर एजोर प्रांत में समलैंगिक होने के आरोप में ऊंची इमारत की छत से लड़के के हाथ पीछे बांधकर उसे धक्का दे दिया गया। माना जा रहा है कि आईएस के कमांडर अबु जायद अल-जज़रावी ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
हालांकि कमांडर को सजा के तौर पर इराक में लड़ाई लड़ने के लिए मोर्चे पर भेज दिया गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि लड़के को सार्वजनिक रूप से भारी भीड़ के सामने नागरिक इलाके में मौत के घाट उतार दिया गया। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी इराक में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों ने समलैंगिकता के आरोप में तीन लोगों को ऊंची इमारत से फेंककर मार डाला था। ऊंचाई से नीचे गिरने के बाद भीड़ ने इन लोगों पर पत्थर भी बरसाए थे।
लड़का आईएस के प्रमुख अधिकारी अबु जायद के साथ समलैंगिक संबंध बनाने में शामिल था। लड़के को मूल रूप से सऊदी के रहने वाले आईएस कमांडर के घर के अंदर से गिरफ्तार किया गया था।
अबु को सीरिया छोड़कर पश्चिमोत्तर इराक में अग्रिम पंक्ति में जाकर लड़ने के लिए कहा गया है। यह फैसला आईएस के शीर्ष नेताओं ने लिया है। बताया जा रहा है कि लड़के को मूल रूप से सऊदी के रहने वाले आईएस कमांडर के घर के अंदर से गिरफ्तार किया गया था।