ज़िंदगी भी लुटानी पड़ती है

गहरी ठोकर भी खानी पड़ती है,
मुफ्त में तजुरूबा नहीं होता,
ज़िंदगी भी लुटानी पड़ती है - अज़ीज़ अंसारी

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