हैदराबाद। पीवी सिंधू को टोक्यो ओलिंपिक के सेमीफाइनल में हारने के बाद थोड़ी ज्यादा प्रेरणा की जरूरत थी और यह भूमिका उनके पिता पीवी रमन्ना ने निभाई जिनका कहना है कि उनकी बेटी ने उनको उपहार देने की इच्छा को पूरा किया।
सिंधू के लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतने के बाद खुशी बयां करते हुए रमन्ना ने यहां कहा कि उन्होंने उससे सिर्फ चीन की बिंग जियाओ के खिलाफ कांस्य पदक प्लेऑफ पर ध्यान लगाने को कहा था कि इसे सिर्फ इस तरह सोचो कि तुम मुझे एक उपहार दे रही हो।
रमन्ना ने पत्रकारों से कहा कि पहली बात, मुझे पार्क (सिंधू के दक्षिण कोरियाई कोच पार्क ताए सांग) का आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने इतनी मेहनत की। भारत सरकार, बाइ (भारतीय बैडमिंटन संघ), उसके समर्थकों, जिसने भी उसे प्रोत्साहित किया, उन सभी का आभार। मैं मीडिया का भी शुक्रगुजार हूं।
मौजूदा विश्व चैम्पियन सिंधू रविवार को दो ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय और देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गयी। उन्होंने चीन की बिंग जियाओ पर सीधे गेम में जीत दर्ज कर कांस्य पदक जीता।
रमन्ना ने कहा कि मैं खुश हूं कि वह ओलंपिक में लगातार दो पदक - रजत और कांस्य - जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। इस तरह उसने भारत का नाम रोशन किया।
उन्होंने कहा कि हालांकि दबाव था, लेकिन मैं खुश हूं कि उसने देश के लिए पदक जीता। आमतौर पर तीसरा या चौथा मैच खेलना दर्दनाक होता है। कल मैंने उसे काफी प्रेरित किया था। यह पूछने पर कि सेमीफाइनल में शनिवार को चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से हारने के बाद उन्होंने रविवार के मैच के लिए अपनी बेटी को क्या संदेश दिया था तो रमन्ना ने कहा कि कल मैंने उसे कहा कि तुमने अपना सर्वश्रेष्ठ किया, अब कोई बात नहीं। अब आज पर ध्यान लगाओ और बस इतना ही सोचो कि तुम मुझे एक भेंट दे रही हो और कोर्ट पर खेलो। इसलिए मैं बहुत खुश हूं।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि हम स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे थे। मैं बहुत खुश हूं। तुमने अच्छा खेला। बस भूल जाओ और यह एक रिकार्ड रहेगा।
यह पूछने पर कि शनिवार की हार के बाद उसका मनोबल गिरा हुआ था तो उन्होंने कहा कि नहीं, लेकिन हर कोई रोएगा। उसकी आंखों में आंसू थे। लेकिन अच्छा है कि वह इससे उबर गयी और वापसी कर आज पदक जीता। रमन्ना ने कहा कि वे कोर्ट पर काफी आक्रामक थीं। मैंने उसे कहा था कि आक्रामक बनी रहना।
उन्होंने कहा कि वे दिल्ली आने की योजना बना रहे हैं क्योंकि सिंधू 3 अगस्त को दिल्ली पहुंचेंगी। उन्होंने कहा कि ओलंपिक कोई छोटा टूर्नामेंट नहीं है। स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक जीतना बड़ी बात है, पदक तो पदक है। मैं खुश हूं कि उसे पदक मिला, जिसने हमें खुशी दी।
कोच ने कहा- डिफेंस में 200 प्रतिशत दिया : भारत के विदेशी बैडमिंटन कोच पार्क ताइ सांग को बहुत खुशी है कि ओलंपिक से पहले पी वी सिंधू के रक्षात्मक कौशल पर कई सत्र तक काम करने का फायदा तोक्यो ओलंपिक में मिला जहां वह रविवार को कांस्य पदक जीतने में सफल रही।
रियो ओलंपिक 2016 की रजत पदक विजेता सिंधू ने चीन की ही बिंग जियाओ को हराकर महिला एकल कांस्य पदक अपने नाम किया। पार्क ने सिंधू के रक्षण पर काफी काम किया था और उन्होंने कहा कि इसका अब फायदा मिला।
पार्क ने कहा कि सिंधू की कमजोरी उसका डिफेन्स था। उसके आक्रमण में कोई समस्या नहीं थी। प्रत्येक खिलाड़ी, प्रत्येक कोच जानता है कि आज उसका रक्षण 200 प्रतिशत सही था। यह बेहतरीन था। यहां तक सेमीफाइनल को छोड़कर पूरे टूर्नामेंट में उसका रक्षण शानदार रहा। उन्होंने कहा कि हम नेट पर उसके खेल और रक्षण पर काम कर रहे हैं और मुझे खुशी है कि इसका फायदा मिला।
पार्क ने कहा कि सिंधू सेमीफाइनल में चीनी ताइपै की ताइ जु यिंग के खिलाफ हार के बाद आंसू नहीं रोक पाई थी। उन्होंने कहा कि असल में सिंधू कल के मैच के बाद बहुत दुखी थी। वे बहुत बुरा महसूस कर रही थीं और वे रोई भी। मैंने कहा कि हमें अब कांस्य पदक पर ध्यान देना होगा और यह शानदार मैच रहा।