'भारतीय पर्यटन उद्योग में टूरिस्ट गाइड का रोल देशी-विदेशी मेहमानों को भारतीय संस्कृति व विरासत की सही जानकारी देना है। तभी तो इन्हें भारतीय संस्कृति का एम्बेसडर कहा जाता है।'
उक्त विचार आईआईटीटीएम के प्रो. चंद्रशेखर बरूआ ने ग्वालियर में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भारतीय होटल प्रबंधन संस्थान महाराजपुरा व आईआईटीटीएम में आयोजित सहायक निदेशकों की प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
उन्होंने 'टूर गाइडिंग एंड एस्कॉर्टिंग रोल एंड रिस्पॉन्सबिलिटीज इन टूरिज्म इंडस्ट्री' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भारतीय पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में टूरिस्ट गाइड का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
इसी क्रम में आईएचएम के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत पंत ने 'रोल ऑफ हॉस्पिटेलिटी इन टूरिज्म' विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे यहां के रेस्टॉरेंट्स, होटल्स व फूड की क्वालिटी ही विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है। डॉ मोनिका प्रकाश ने 'न्यू फॉर्म्स ऑफ टूरिस्म' विषय पर मेडिकल, एक्वा, ट्रैवल टूरिज्म पर जानकारी दी।
आईआईटीटीएम द्वारा 15 अक्टूबर को प्रो. चंद्रशेखर बरूआ के मार्गदर्शन में सहायक निदेशकों को मितावली, पढ़ावली व बटेश्वर की सैर कराई गई, ताकि वे 10-15वीं शताब्दी के बीच बने ऐतिहासिक स्मारकों व मंदिरों की वास्तुकला व उनके इतिहास की जानकारी ले सकें।