1 मार्च से 9 अप्रैल तक कई कार्यक्रम होंगे आयोजित : उज्जैन में 1 मार्च से 9 अप्रैल तक कला, संस्कृति और भक्ति के रंगों की धूम देखने को मिलेगी। 18 मार्च से 9 अप्रैल तक कालीदास अकादमी में कथक नृत्य, तबला वादन, गीत, संगीत का भव्य आयोजन होगा। इस दौरान देश विदेश के लाखों लोग यहां आएंगे। करीब सवा महीने तक लोकसंगीत, लोक नृत्य से लेकर शास्त्रीय संगीत के अनेक समारोह आयोजित होंगे। उज्जैन में कई सांस्कृतिक सभागार हैं- मसलन कालिदास अकादमी परिसर,त्रिवेणी संग्रहालय, पॉलीटेक्निक ग्राउंड, विक्रम कीर्ति मंदिर, घंटा घर और क्षिप्रा तट, इन सभी स्थलों पर रंगारंग उत्सव देखने को मिलेंगे।
विक्रमोत्सव 2024: विक्रमोत्सव 2024 के दौरान पूरी उज्जैन नगरी की छटा देखते ही बनती है। यहां के सारे कला और संस्कृति के केंद्र इन दिनों विशेष तौर पर सजे धजे दिखाई देते हैं। विक्रमोत्सव 2024 के दौरान 1 से 9 मार्च तक अनादि पर्व का विशेष आयोजन होगा। इस दौरान पं. कन्हैया मित्तल के भजनों की प्रस्तुति होगी। 7 मार्च को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी दुर्गा नृत्य नाटिका पेश करेंगीं। जबकि 10 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 11 से 17 मार्च तक यहां श्रीकृष्ण लीला, भक्ति गायन, डांडिया रास, बांसुरीवादन, शंखध्वनि के साथ ही क्लासिकल नृत्यों का आयोजन किया जाएगा। वहीं 18 मार्च को राष्ट्रीय विज्ञान समागम, महादेव शिल्प कला और पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव आयोजित होगा।
विक्रमादित्य पर परिचर्चा : विक्रमादित्य केंद्रित परिचर्चा 1 - 12 मार्च 2024, स्थान : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन