ग़ाज़ा : हेपेटाइटिस-A बीमारी के मामलों में भयानक उछाल

UN

शनिवार, 3 अगस्त 2024 (17:25 IST)
Surge in Hepatitis A cases in Gaza : ग़ाज़ा में युद्ध के कारण गंदगी व कूड़े-कचरे के भारी ढेर लग गए हैं, जिनसे संक्रामक बीमारियां फैलने का जोखिम बहुत बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने ग़ाज़ा में पानी की भारी क़िल्लत और कूड़े-कचरे और गंदगी निकासी का उचित प्रबन्धन नहीं होने के हालात में संक्रामक बीमारियों के और भी फैलाव के जोखिम के बारे में आगाह किया है।
 
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी– UNRWA के मुखिया फ़िलिपे लज़ारिनी ने सोशल मीडिया मंचों पर कहा है कि ग़ाज़ा के लोगों को एक और मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है : हेपेटाइटिस-A संक्रामक रोग अपने पैर पसार रहा है, बच्चों में भी।
 
उन्होंने कहा कि अक्टूबर (2023) में युद्ध शुरू होने के बाद से UNRWA ने अपने आश्रय स्थलों और क्लीनिकों में हेपेटाइटिस बीमारी के 40 हज़ार से अधिक मामलों की जानकारी दी है। जबकि युद्ध भड़कने से पहले इन मामलों की संख्या केवल 85 थी, जिसका मतलब है कि युद्ध के दौरान इनमें बेतहाशा तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है।
 
हेपेटाइटिस-A जिगर (Liver) की एक बीमारी है जो संक्रमित भोजन या पानी खाने से, इसी नाम के एक वायरस के कारण होती है। यह बीमारी पहले से संक्रमित यानी बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में आने से भी हो सकती है।
 
बीमारी के लिए अनुकूल हालात
UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने बताया, ग़ाज़ा में कूड़े-कचरे और गन्दगी के प्रबन्धन की व्यवस्था ढह गई है। चिलचिलाती गर्मी में गन्दगी और कूड़े-कचरे के ढेर के ढेर जमा हो रहे हैं। गन्दे नालों का पानी सड़कों और रास्तों में बह रहा है और लोगों को शौचालय जाने के लिए भी घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है। ये सब हालात मिलकर बीमारियों के फैलाव के लिए बहुत अनुकूल नुस्ख़ा बनाते हैं।
 
मानवीय सहायता एजेंसियां हाल के समय में सीवेज नमूनों में पोलियो संक्रमण के चिन्ह पाए जाने के बाद पोलियो के फैलाव की रोकथाम करने के उपायों में भी सक्रिय हो गई हैं। ग़ाज़ा में लोगों को बेहद ख़तरनाक हालात में रहना पड़ रहा है, जिनमें संक्रामक बीमारियों के बेतहाशा जोखिम भी शामिल है।
 
मानवीय सहायता आपूर्ति में बाधाएं
इस बीच मानवीय सहायता एजेंसियों को युद्ध जारी रहने के कारण ज़रूरमन्द लोगों तक मानवीय सहायता आपूर्ति करने में विशाल बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें बिना फटी विस्फोटक सामग्री, क्षतिग्रस्त और अवरुद्ध सड़कें, सहायता क़ाफ़िलों पर हमले, क़ानून और व्यवस्था का अभाव और सीमा चौकियों पर पर्याप्त संख्या में सहायता वाहनों के दाख़िल होने को अनुमति नहीं मिल पाना जैसे कारण प्रमुख हैं।
 
एजेंसियों का कहना है कि इसराइली अधिकारियों ने ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता सामग्री के दाख़िल होने पर प्रतिबन्ध जारी रखे हैं। यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी- OCHA ने बताया है कि इसराइल ने जुलाई महीने में उत्तरी ग़ाज़ा के लिए नियोजित 157 सहायता मिशनों में से केवल 67 मिशनों को दाख़िल होने की अनुमति दी थी।

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