चक्रवाती तूफ़ान रीमल ने भारत के पश्चिम बंगाल प्रदेश और बांग्लादेश के तटवर्ती इलाक़ों में दस्तक दी है जिससे 84 लाख से अधिक लोग, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और सुरक्षा के उच्च स्तर के जोखिम के दायरे में आ गए हैं। इनमें लगभग 32 लाख बच्चे हैं।
#Cyclone#Remal is forecasted to strike the coastal areas of Bangladesh tonight.
Over 1.9 million people, including 745,752 children and 28,837 people with disabilities are at risk. pic.twitter.com/6v9c95zvJ1
संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी– UNICEF ने रीमल तूफ़ान के प्रभावों से जूझने वाले बच्चों और परिवारों के साथ संवेदना और समर्थन व्यक्त किया है।
पश्चिम बंगाल स्थित यूनीसेफ़ कार्यालय के प्रमुख प्रभात कुमार ने यूएन न्यूज़ हिन्दी को बताया है कि प्रदेश के तटीय क्षेत्रों से सोमवार को चक्रवात रीमल टकराया, जिससे बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई।
तूफ़ान के कारण बिजली की लाइनें टूट गईं, खम्भे और पेड़ उखड़ गए तथा खपरैल वाले घरों की छतें उड़ गईं।चेतावनी जारी होने के बाद से लगभग 2 लाख लोगों को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाक़ों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बांग्लादेश में प्रभाव: यूनीसेफ़ ने कहा है कि संगठन उसके सहायताकर्मी, चक्रवाती तूफ़ान रीमल की दस्तक के बाद से ही, धरातल पर बांग्लादेश सरकार की मदद कर रहा है।
यूनीसेफ़ ने जल शुद्धिकरण गोलियों, पानी भरने वाले बड़े बर्तनों, सचल शौचालयों, स्वच्छता और परिवार किटों सहित आवश्यक चीज़ों का भंडार प्रभावित समुदायों और आश्रय स्थलों में वितरण के लिए देश भर के 35 भंडारग्रहों में तैयार रखा है।
यूनीसेफ़ की एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसकी योजना, शुरुआती प्रतिक्रिया कार्रवाई के ज़रिए रोहिंज्या और कॉक्सेस बाज़ार सहित तटवर्ती इलाक़ों में पहुंचने की है। अलबत्ता लड़कियों, महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, धन की भारी क़िल्लत है।
यूनीसेफ़ का कहना है, हम स्थिति पर लगातार नज़र रखने और ज़रूरतमन्द लोगों तक त्वरित सहायता पहुंचाने के प्रयासों में बांग्लादेश सरकार और साझीदारों के साथ निकट समन्वय के साथ काम कर रहे है हमारी प्राथमिकता लोगों की ज़िन्दगियां बचाना और बच्चों सहित निर्बल हालात वाली आबादी की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करना है।