पहली फरवरी को आने वाले केन्द्र सरकार के आम बजट को लेकर आर्थिक विशेषज्ञों से लेकर आम आदमी की उम्मीदें बढ़ ही रही हैं। साथ ही कयास भी लगाए जा रहे हैं आखिर कैसा होगा आगामी बजट?
आर्थिक विशेषज्ञ और वेबदुनिया के सीएफओ राजीव सिंघी का इस संबंध में कहना है कि जीएसटी के बाद यह पहला बजट है। हालांकि जीएसटी को लेकर व्यापारियों में स्वीकार्यता तो बढ़ी है, लेकिन चुनौतियां कम नहीं हैं। सबसे बड़ी चुनौती ग्रोथ रेट की है। अर्थव्यवस्था में गति नहीं दिखाई दे रही है। बेरोजगारी की समस्या बरकरार है।
उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स की दरें कम होना चाहिए। इसके साथ ही लोगों में टैक्स का भय दूर होना चाहिए यदि कुछ गलती हो तो सरकार को उसे माफ कर आगे बढ़ना चाहिए।
राजीव सिंघी ने कहा कि यदि इनकम टैक्स की दरों में कमी होगी तो लोगों की जेब में पैसा बचेगा तो वे खर्च भी करेंगे और यही पैसा बाजार में जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे जीएसटी में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से मजबूत होगी।