वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान बांस, शहद और खादी के 100 नए क्लस्टर बनाए जाएंगे जिससे 50 हजार शिल्पकार अर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि कृषि आधारभूत सुविधाओं के विकास पर बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा तथा सहकारिता के माध्यम से डेयरी क्षेत्र का विकास किया जाएगा। उन्होंने दलहन की पैदावार में आत्मनिर्भरता के लिए किसानों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि तिलहनों की पैदावार में भी ऐसी सफलता मिलेगी। किसानों की मेहनत से देश का आयात खर्च कम होगा।
उन्होंने कहा कि व्यवसाय करना और जीवन आसान बनाना किसानों पर भी लागू होना चाहिए। इससे हम उस स्थिति में वापस आ जाएंगे जिससे किसानों के लिए बजट आवंटित करने (जीरो बजट फॉर्मिंग) की जरूरत नहीं होगी। इस नवाचार माडल को दोहराने की जरूरत है। कुछ राज्यों में इसके लिए पहले से ही किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ऐसे कदमों से आजादी के 75 वें वर्ष तक किसानों की आय दोगुनी हो सकती है।