आपको बता दें कि गोरखपुर जिले के गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा का आमबाग गांव अभी भी प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हुआ है। आखिर क्या कारण है कि इस गांव के लगभग 400 महिला व पुरुष जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होने के बाद भी मतदाता सूची में नाम अंकित नहीं हो सका, जबकि 2015 के पंचायतीराज चुनाव में यह ग्रामसभा के अधीन तो हुआ, लेकिन मतदाता सूची तक इनका नाम नहीं पहुंच सका।
इस गांव को वनटांगिया नर्सरी के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव की सबसे खास बात ये है कि गांव के अधिकांश बड़े-बुजुर्ग आजादी के पहले के हैं, जिनके सामने देश आजाद हुआ, जिनमें से अधिकांश की उम्र लगभग 90 व 95 से भी ऊपर है और उन्हें आजाद भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े चुनावी महासमर से वंचित रहना पड़ रहा जहां चुनाव छठे चरण में 4 मार्च को होगा।
जिले के तिकोनिया जंगल रेंज के इस गांव में 100 परिवार हैं, जिसमें लगभग 400 लोग वयस्क हैं, लेकिन मतदाता अभी तक नहीं बन सके, जो कि बड़े ही आश्चर्य की बात है।