प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर भड़का विपक्ष, करेगा चुनाव आयोग से शिकायत

सोमवार, 20 फ़रवरी 2017 (08:30 IST)
उत्तर प्रदेश में तिसरे चरण के मतदान के बीच फतेहपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों से धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए, गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए, रमजान में बिजली आती है तो दिवाली में भी आनी चाहिए।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उनके इस बयान की निंदा की। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा वोटों का ध्रुवीकरण कर रही है। कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा कि प्रधानमंत्री के मुंह से इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती है। वो धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखना चाहिए। इस तरह के गलत और गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए। चुनाव आयोग को इस पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिये। वहीं, समाजवादी पार्टी आज प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत कर सकती है।
 
हालांकि प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि धर्म और जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'यूपी में भेदभाव सबसे बड़ा संकट है। ये भेदभाव नहीं चल सकता। हर किसी को उसका हक का मिलना चाहिए तभी सबका साथ सबका विकास होता है।' उन्होंने कहा, 'अगर होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए।  
 
उन्होंने कहा कि सपा पहले कहती थी किसी से गठबंधन नहीं होगा, फिर दोनों मिल गए और कहने लगे बहुमत मिल जाएगा। लेकिन आज जब वोट डालकर निकले तो उनका चेहरा उतरा हुआ था। डरे हुए थे और उन्हें शब्द नहीं मिल रहे थे। सपा राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर करने में कम दिलचस्पी दिखाती है। लोगों से अपील करता हूं कि एसी सरकार चुने जो उन्हें सुरक्षा दे सके। जिस राज्य में थाने का यह हाल है, रेपिस्टों को आजादी और न्याय पाने के लिए मां-बेटी को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा है, ये कौन सा काम किया है अखिलेशजी।
 
इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी की जयंती है और हम उनको नमन करते हैं। सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि लोग चाहते थे पटेल इस देश के प्रधानमंत्री बनते तो अच्छा होता। उनके प्रति श्रद्धा का भाव है। हम उनके सपनों को पूरा करेंगे।

हालांकि ऐसा नहीं है कि इस चुनाव में सिर्फ प्रधानमंत्री ने ऐसी बात उछाली है जिससे सांप्रदायिकता झलकती हो। मायावती ने भी एक समुदाय विशेष का अपने भाषण में उल्लेख कर उनसे वोट की अपील की। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी इससे अछूती नही है।

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