उसी चुनाव मैदान में बागियों की आमद पार्टी के लिए शुभ संदेश नहीं है जिसके लिए जिले व प्रदेश के पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता माथापच्ची में लगे हुए हैं लेकिन नतीजा सिफर ही नजर आ रहा है, वहीं जिले के मतदाता भी चुपचाप रहते हुए नजारा देख रहे हैं।
विनोद भाजपा से दावेदारी कर रहे थे किंतु पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर सुभाष सत्या को प्रत्याशी बनाया जिसके बाद से त्रिपाठी बागी हुए, जबकि विनोद त्रिपाठी गत विधानसभा 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रमजान से 11 हजार मतों से पराजित होते हुए दूसरे नंबर पर थे।