कौन जीता, कौन हारा यह कह पाना नामुमकिन है!

उत्तरप्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में शनिवार का दिन अन्य चुनावी जनसभाओं व नेताओं के रोड शो से हटकर था और पूरे उत्तरप्रदेश व भारत की निगाहें बनारस की गलियों पर टिकी हुई थीं, जहां हर पार्टी अपने अपने राष्ट्रीय नेता के स्वागत में जुटा हुआ था चाहे व भारतीय जनता पार्टी हो चाहे समाजवादी पार्टी व कांग्रेस और चाहे बहुजन समाज पार्टी हो सभी पार्टियों ने आज पूरे दिन बनारस मैं इन सभी नेताओं की भाषणों की गूंज रही तो कहीं सड़क-सड़क पर कई पार्टियों के राष्ट्रीय नेता भी दिखाई पड़े। 
ऐसे में जो सबसे खास था वह था भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राहुल गांधी का रोड शो ऐसा-वैसा रोड शो नहीं ऐसा रोड शो जो न किसी ने कभी सड़कों पर देखा थे और न ही ऐसी उम्मीद की थी चाहे नरेंद्र मोदी हूं या फिर अखिलेश व राहुल। सभी ने रोड शो में अपनी पूरी ताकत आज बनारस की गलियों में लगा दी जा एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों का तांता दो दिन पहले से बनारस में लगा हुआ है और भारतीय जनता पार्टी के इन सभी मंत्रियों ने रोड शो को सुपरहिट मेगा शो बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 
तो वही दूसरी ओर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के दो युवा ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी बनारस के इस रोड शो को सुपर हिट बनाने में चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या फिर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस का गठबंधन सभी ने जितनी ताकत छ: चरणों में नहीं लगाई थी उससे कई गुना ताकत अंतिम चरण के बनारस में लगा दी है। देखा जाए तो सही मायने में देखा जाए तो किसी का भी रोड शो किसी से कम नहीं था। जहां एक तरफ बनारस में सुबह-सुबह गलियों में 'नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी जिंदाबाद' के नारे लग रहे थे तो शाम होते होते अखिलेश यादव राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे सुनाई दे रहे थे। दोनों के रोड शो देखने के बाद यह अनुमान लगाना कि रोड शो के इस खेल में कौन जीता कौन हारा या कह पाना मुश्किल नहीं नामुमकिन है।
 
क्या बोला जानकार : वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति के जानकार सुरेश कुमार बच्चन ने कहा कि आज का रोड शो दोनों ही पार्टियों का मैंने कवर किया है और बड़े ही नजदीक से दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को जनता के बीच जाते देखा है। अगर हम भीड़ की बात करें तो यहां कहना बिलकुल गलत होगा कि समाजवादी पार्टी व कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के आगे फीकी पड़ गई, क्योंकि जहां एक तरफ सुबह चारों तरफ मोदी-मोदी छाए थे। शाम होते-होते बनारस की गलियों में अखिलेश राहुल अखिलेश राहुल छाए हुए थे। 
 
ये सब देख यह कहना कि जनता किसके साथ है इस पर कुछ भी कहना थोड़ा-सी जल्दबाजी होगी, क्योंकि वही बनारस और वही सड़क है और वही बनारस जहां सुबह तक 'मोदी मोदी' कह रहे थे तो शाम को 'अखिलेश राहुल अखिलेश राहुल' कहते दिखाई पड़े। अब यह सावल यह है कि बनारस के ये लोग वोट में कितना बदलते होते हैं। तो 11 मार्च को पता चलेगा लेकिन जो भी हो दोनों की रोड शो देख यह कह पाना बिल्कुल नामुमकिन है कि इस रोड शो के खेल में कौन जीता कौन हारा।
 
पिछले 20 साल से बनारस की राजनीति को देखते चले आ रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार तीर्थ कुमार ने कहा कि आज का दिन बनारस की जनता कभी भुला नहीं पाएगी, क्योंकि जहां एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस की जनता को संबोधित कर उन तक पहुंचने का प्रयास कर रहे थे तो वहीं उत्तरप्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व राहुल गांधी जनता के बीच जा अपनी बात को कह रहे थे। सबसे कमाल की बात तो यह थी कि बनारस की जनता ने तीनों ही लोगों को हाथोंहाथ लिया। 
 
फूलों की वर्षा जहां एक तरफ नरेंद्र मोदी पर हो रही थी तो शाम होते होते बनारस की जनता ने फूलों की वर्षा अखिलेश व राहुल पर भी की। ऐसे में यह कह पाना कि बनारस की जनता किस तरफ है, असंभव है। आपने जो सवाल किया है कि कौन जीता कौन हारा इसका भी उत्तर आज का रोड शो देखने के बाद किसी के पास नहीं है क्योंकि न तो नरेंद्र मोदी का काफिला कम था और न अखिलेश व राहुल का। जहां एक तरफ बनारस की गलियों में नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लग रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश व राहुल जिंदाबाद के नारे लग रहे थे।

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