प्रियंका ने मेरे पति का टिकट काटा और मेरे खिलाफ बोलने के लिए दबाव बनाया : अदिति सिंह

गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022 (00:38 IST)
रायबरेली (उत्तर प्रदेश)। रायबरेली सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार अदिति सिंह ने अपने पति अंगद सिंह को पंजाब से टिकट नहीं दिए जाने को लेकर बुधवार को प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस महासचिव ने मेरे पति पर दबाव बनाया कि आप उनके (अदिति) खिलाफ बोलिए, तभी आपको टिकट देंगे।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रायबरेली सीट से भाजपा प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल करने के बाद खुद को 'बिना बाप की बेटी' बताते हुए आरोप लगाया कि न्याय के लिए लड़ने के कारण उन्हें परेशान किया गया।विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सीट से निर्वाचित होने वाली अदिति काफी समय से राज्य की भाजपा नीत सरकार के पक्ष में खुलकर बोल रही थीं। वह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं, जिसके बाद उन्हें पार्टी ने यहां से उम्मीदवार बनाया है।

अदिति सिंह ने कहा, वह खुद को रायबरेली की बेटी कहती हैं, इतने लंबे समय से उनका परिवार यहां से जीतता रहा है। यहां एक 'बिना बाप की बेटी' (अदिति के पिता पांच बार के विधायक अखिलेश सिंह का निधन हो चुका है), जो अकेले मैदान में न्‍याय की लड़ाई लड़ रही है, उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जा रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, उन्होंने (प्रियंका गांधी वाड्रा) मेरे परिवार को परेशान किया है, मेरे पति पर दबाव बनाया कि आप इनके (स्वाति) खिलाफ बोलिए तब आपको टिकट देंगे, तो यह है उनकी लड़ाई, उन्हें शर्म आनी चाहिए। स्वाति ने प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी थी।

कथित तौर पर अदिति की पार्टी बदलने के बाद उनके पति नवांशहर (पंजाब) के कांग्रेस विधायक अंगद सिंह का कांग्रेस ने टिकट काट दिया। अंगद ने सोमवार को नवांशहर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया।

प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारे के माध्यम से महिलाओं के कांग्रेस से जुड़ने के मुद्दे पर अदिति सिंह ने सवाल किया जो (प्रियंका) अपने क्षेत्र के विधायक को इतना परेशान कर सकती हैं, उनसे कोई जुड़ सकता है। सिंह ने कहा, मैं एक लड़की हूं, लड़ रही हूं और उन्होंने मेरे पति का टिकट काट दिया। कोई औचित्य नहीं है, बहुत से ऐसे पति-पत्‍नी हैं, परिवार के सदस्य हैं जो अलग-अलग पार्टियों में रहे हैं।

उन्होंने सवाल उठाया, अगर वह लड़कियों के स्वाभिमान को मानती हैं तो क्या अलग विचारधारा नहीं हो सकती है, मेरी विचारधारा कांग्रेस से नहीं मिलती है, तो क्या हम इतने दबे-कुचले हैं कि अपने पतियों के पीछे ही चलें। क्‍या उनका कहने का तात्‍पर्य यह है।

अदिति ने कहा, यह उनकी (प्रियंका) दोगली (दोहरे मानदंड वाली) राजनीति है। अगर उन्हें महिला सशक्तिकरण करना होता तो उन्होंने पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड या गोवा में इतनी कम महिलाओं को क्‍यों टिकट दिया। उन्होंने दावा किया कि यहां उन्हें पता है कि दाल नहीं गलने वाली है तो टिकट बांटे जा रही हैं।(भाषा)

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