लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पहले, दूसरे व तीसरे चरण के विधानसभा चुनाव 2022 की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 10 फरवरी को पहला, 14 फरवरी को दूसरा व 20 फरवरी को तीसरे चरण का मतदान होना है।जिसके चलते सभी राजनीतिक दल तेजी के साथ चुनाव-प्रचार प्रसार में जुट गए हैं, लेकिन इस दौरान सभी दलों को घर के अंदर टिकट न मिलने से नाराज कार्यकर्ता व पदाधिकारी की एक चिंता भी सता रही है।
जिसको लेकर सभी दल प्रचार-प्रसार के साथ-साथ दलों के नाराज अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मनाने में भी जुट गए हैं।लेकिन नाराज कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नाराजगी को समाप्त करने में राजनीतिक दल कामयाब नहीं हो पाए।ऐसी स्थिति में मतदान के दिनों में प्रत्याशियों को उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
नाराज नेताओं पर है नजर : सभी दलों ने नाराज नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है, जिसके लिए दलों ने बकायदा भरोसेमंद कार्यकर्ताओं की टीम भी गठित की है। बताया जा रहा है कि नाराज नेताओं की हर एक गतिविधि की जानकारी समय रहते संगठन तक ये वफादार कार्यकर्ता देने में लगे हुए हैं।