एडवोकेट हरीशंकर माहौर ने ब्राह्मण, दलित एवं पिछड़ों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। माहौर ने गुरुवार देर शाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया।
प्रदेश अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में माहौर ने खुद को अन्य विधायकों की तरह खुद को मौर्य का समर्थक भी नहीं बताया है। उन्होंने इस्तीफे में कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा अपने पूरे पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान ब्राह्मण, दलित, पिछड़ा समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और न उन्हें उचित सम्मान दिया गया।
इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा ही दलितों पिछड़ों, किसानों व बेरोजगार नौजवानों और छोटे - लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गयी है। प्रदेश सरकार के ऐसे कूटनीति रवैये के कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।