उत्तर प्रदेश में पहले दो चरणों की वोटिंग के बाद सियासी परिदृश्य में काफी बदलाव नजर आ रहा है। सूबे की सियासत के जानकार मुकाबले को कांटे का बता रहा है। दो चरणों के मतदान के बाद अब नजर बुंदेलखड के साथ सेंट्रल यूपी और पूर्वांचल पर टिक गई है। 20 फवरी को सेंट्रल यूपी और बुंदेलखंड की 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। तीसरे चरण में ऐसे जिलों में वोटिंग होने जा रही है जो समाजवादी पार्टी का गढ़ यानि यादव लैंड के रूप में मानी जाती है। 2017 के चुनाव में भाजपा ने इन 16 जिलों में से 10 जिलो में क्लीन स्वीप किया था और विपक्ष यहां पर अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे।
सियासत के जनाकार कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के साथ कांटे के मुकाबले में फंसे उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव एक बार फिर कमल खिलाने की बागडोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद अपने हाथों में संभाल ली है। चुनाव आयोग की ओर से रैली में छूट मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में संभाल कर ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रहे है। प्रधानमंत्री हर दिन उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाएं कर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर देहात के साथ कन्नौज,सीतापुर और बुंदेलखंड में 20 फरवरी को होने वाली वोटिंग से पहले आज फतेहपुर में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के असर को 2017 के चुनाव परिणामों से आसानी से समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले कन्नौज में भी एक जनसभा की थी और भाजपा ने 3 विधानसभा सीटों में से 2 विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। वही 2019 लोकसभा चुनाव में फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्नौज में चुनावी जनसभा की. उस जनसभा के बाद समाजवादी पार्टी के कब्जे में रहने वाली 28 साल पुरानी लोकसभा सीट को बीजेपी ने उससे छीन लिया था।
उत्तरप्रदेश की राजनीति के जानकार वरिष्ठ नागेंद्र कहते हैं कि 2017 और 2019 की तरह इस बार भी विधानसभा चुनाव में मोदी का ही नाम बोल रहा है। आज भी ग्रामीण इलाकों में बड़ी आबादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खासा असर दिख रहा है। इसके साथ भाजपा के समर्थन में सबसे बड़ा प्लंस प्वाइंट मुफ्त अनाज की पोटली है। नागेंद्र कहते हैं कि पहले दो चरणों में लोग मोदी के नाम पर वोट करते नजर आए और अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां हो रही है तो उसका भी असर पड़ेगा। वह कहते हैं कि पूर्वांचल में मोदी फैक्टर निर्णायक हो सकता है।
मुफ्त अनाज BJP के लिए गेमचेंजर?- मोदी फैक्टर के साथ मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ और मुफ्त अनाज का फैक्टर भी उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाजपा के लिए बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है। बुंदेलखंड में फिर से कमल खिलाने के लिए महंत योगी आदित्यनाथ ने लगातार दो दिन से बुंदेलखंड में चुनावी रैली कर रहे है। तीसरे चरण में होने वाली वोटिंग से पहले आज झांसी के बबीना में चुनावी रैली करने पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा ने सरकार ने बिना किसी भेदभाव के समय संकट के समय सभी को मुफ्त राशन दिया है। उन्होंने रैली में आए लोगों से पूछा कि क्या 2017 से पहले राशन मिलता था। इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने राशन के साथ दिए जा रहे नमक और रिफाइंड का भी जिक्र किया।
उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश 15 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन की डबल रोल देने वाला देश का पहला राज्य है। योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश में सबसे बड़ा मुफ्त राशन वितरण अभियान चल रहा है जिसका लाभ अंत्योदय तथा पात्र राशन कार्ड धारकों को मिला है। उत्तरप्रदेश में पात्र कार्ड धारकों को हर महीने 10 किलो राशन मुक्त दिया जा रहा है योजना के तहत अंत्योदय राशन कार्ड धारकों पात्र परिवारों को दोगुना राशन वितरित किया गया है। चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार ने मुफ्त राशन के साथ खाद्य तेल, आयोडाइज्ड नमक,दाल और चना भी जोड़ दिया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में गरीब मजदूर और किसानों की मदद के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की गई थी इसके तहत उत्तर प्रदेश सहित देश भर में पात्र गरीब और जरूरतमंदों को मुफ्त राशन वितरित वितरित किया। हलांकि मुफ्त राशन का वितरण का मार्च तक ही किया जाना है।
बुंदेलखंड के राजनीति को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा कहते हैं बुंदेलखंड जो गरीबी और पिछड़ेपन की वजह से अक्सर चर्चा में रहता है वहां पर भाजपा का मुफ्त अनाज और मुफ्त मकान के दांव से एक अंडर करंट दिखाई दे रहा है। यहीं अंडर करंट चुनाव के समय भाजपा के पक्ष में बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।