बजट को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बजट की खूबियों को देश के सामने रखा। पीएम मोदी ने कहा कि बजट का फोकस गरीब, मिडिल क्लास को बुनियादी सुविधाएं देने पर रहा है। वहीं उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के ठीक पहले संसद में पेश मोदी सरकार के बजट कहीं भी कुछ ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है जिससे बजट को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से जोड़ा जा सके। बजट से पहले हर व्यक्ति यह सोच रहा था कि पांचों राज्यों के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए मोदी सरकार बजट में लोकलुभावन घोषणाएं करेंगी लेकिन बजट से किसानों से लेकर मध्यम वर्ग तक मायूसी ही हाथ लगी।
बजट में सरकार ने 60 लाख नए रोजगार देने, 400 नई ट्रेन चलाने और गंगा के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक कॉरिडोर बनाने जैसे कुछ नाममात्र का एलान किया है। इसके साथ बजट में सरकार ने 80 लाख मकान गरीबों को देने का भी एलान किया है। ऐसे मे जब कोरोना महामारी ने करोड़ों लोगों को बेरोजगार किया है और करोड़ों की आमदनी आधी रह गई है, मंहगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है, बहुत-से लोग इलाज के अभाव में मारे गए हैं। तब भी बजट में सरकार का मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग को नहीं राहत देने से कई सवाल उठ रहे है।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान-विरोधी बजट के साथ, केंद्र सरकार ने एक बार फिर भारत के किसानों के साथ धोखा किया है। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात आसानी से भूल गई, जबकि कृषि और खेती से जुड़ी योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन में चौंकाने वाली कटौती की गई है।
वहीं बजट पर अब बजट के बाद राहुल गांधी के ट्वीट और उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की 'यूपी टाइप' टिप्पणी पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, वित्त मंत्री जी आपने यूपी के लिए बजट के झोले में कुछ डाला नहीं, ठीक है, लेकिन यूपी के लोगों का इस तरह अपमान करने की क्या जरूरत थी? समझ लीजिए, यूपी के लोगों को यूपी टाइप होने पर गर्व है। हमको यूपी की भाषा, बोली, संस्कृति व इतिहास पर गर्व है।