सीतारमण ने अपने चौथे बजट में न तो कर स्लैब में कोई बदलाव किया और न ही मानक कटौती की सीमा बढ़ायी। मुद्रास्फीति में तेजी और महामारी के मध्यम वर्ग पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही थी कि वित्त मंत्री कर के मोर्चे पर कुछ राहत देंगी। बजट बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अगर कर बढ़ाने को लेकर कोई आशंका थी, हमने वह नहीं किया।
सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), सस्ते मकान, पासपोर्ट को सुगम बनाने के उपायों की घोषणा आदि से आखिरकार मध्यम वर्ग को ही लाभ होगा।