लखनऊ, उत्तर प्रदेश के चुनाव ने भले ही भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है, लेकिन वही उत्तर प्रदेश के चुनाव में उप मुख्यमंत्री के पद पर रहे केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार संगठन उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दे सकता है लेकिन वही अगर पार्टी सूत्रों की माने तो शपथ ग्रहण समारोह की प्रस्तावित तिथि 25 मार्च को देर शाम योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के बाद उप मुख्यमंत्री के रूप में केशव प्रसाद मौर्य को ही बनाए रखने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
भले ही केशव प्रसाद मौर्य को उन्हीं की विधानसभा में उन्हीं की क्षेत्र की जनता ने चुनाव हरा दिया हो लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकती है पर इसके पीछे की मुख्य वजह है कि अगर केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी नजर अंदाज करती हैं तो 2024 से पहले ही समाजवादी पार्टी के साथ साथ अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़े करने लगेगी और हर हाल में भारतीय जनता पार्टी को घेरने का प्रयास करेंगे और योगी सरकार कोई भी मौका ऐसा नहीं छोड़ना चाहती है जिससे कि विपक्ष को योगी सरकार को घेरने का मौका मिले।
विपक्ष बोलता रहा है हमला -
भारतीय जनता पार्टी में केशव प्रसाद मौर्य को लेकर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़े करता रहा है पिछले 5 सालों में लगातार ओबीसी की उपेक्षा करने के आरोप भी लगाता रहा है जिसके चलते कई बार विपक्षी नेता अखिलेश यादव ने तो केशव प्रसाद मौर्य को लेकर बीजेपी सरकार निशाना भी साधा था और चुनाव के दौरान लगातार बीजेपी के अंदर ओबीसी की उपेक्षा को लेकर सवाल भी खड़े करते रहे हैं।
इसी के साथ साथ कई बार सूत्रों के हवाले से योगी और केशव के बीच की तकरार की बातें भी सामने आती रही हैं और वही भारतीय जनता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी में ओबीसी नेताओं व ओबीसी समाज की उपेक्षा की जाती है।