अटल पेंशन योजना (Atal Pension Scheme) भारत सरकार की एक पेंशन योजना है जो असंगठित क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों के लिए बनाई गई है। इसमें रिटायरमेंट पाने वाला कस्टमर्स एक तय मासिक पेंशन 1,000-5,000 रुपए पा सकता है। बैंक या डाकघर में बचत खाते में एक तय राशि के साथ यह योजना शुरू की जा सकती है। इसके लिए ज्यादा डॉक्टूमेंट्स की आवश्यकता भी नहीं होती। आधार कार्ड की जानकारी के आधार पर इस स्कीम में शामिल हुआ जा सकता है। इस स्कीम को लेकर कुछ सवाल हैं जिनके जवाब हम आपको बता रहे हैं-
उत्तर : रजिस्ट्रेशन के समय आपने जो राशि को मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर चुना होगा, वह सीधे आपके अकाउंट से काट लिया जाएगा राशि 42 रुपए से लेकर 1454 रुपए तक अलग-अलग हो सकती है। पहली किस्त रजिस्ट्रेशन के समय कस्टमर के सेविंग अकाउंट से काट ली जाती है। ऑटो डेबिट सुविधा को आप अप्रैल महीने में बदल सकते हैं।
2. सवाल : जमा राशि पर हुई चूक तो?
विलंबित भुगतानों के लिए बैंकों को अतिरिक्त राशि एकत्र करने की आवश्यकता होती है, ऐसी राशि न्यूनतम 1 रुपए प्रति माह से लेकर 10/- रुपये प्रतिमाह तक भिन्न होगी। जैसे बैंक राशि के मुताबिक पेनेल्टी लेती है-
प्रति माह 100 रु. तक के अंशदान के लिए 1 रु. प्रतिमाह।
101 से 500/- रु. प्रति माह के बीच अंशदान के लिए 2 रु. प्रति माह।
501/- से 1000/- रु. प्रति माह के बीच अंशदान के लिए 5 रु. प्रतिमाह।
1001/- रु. प्रति माह से अधिक के अंशदान के लिए 10 रु. प्रतिमाह।
ब्याज/जुर्माने की निश्चित राशि ग्राहक के पेंशन की मूल निधि के भाग के रूप में रहेगी।
3. सवाल : 60 साल से पहले मृत्यु हो तो?
अगर 60 साल से पहले ही योजना से जुड़े व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो फिर उसकी पत्नी/पति इस योजना में पैसे जमा करना जारी रख सकते हैं और 60 साल के बाद हर महीने पेंशन पा सकते हैं। एक ऑप्शन यह है कि उस व्यक्ति की पत्नी अपने पति की मौत के बाद एकमुश्त रकम का दावा कर सकती है। अगर पत्नी की भी मौत हो जाती है तो एक एकमुश्त रकम उनके नॉमिनी को दे दी जाती है।
4. सवाल : कब निकाल सकते हैं रुपए?
60 वर्ष की आयु हो जाने पर। इस उम्र में पेंशन धन/मूल निधि के 100% वार्षिकीकरण की अनुमति है। निकासी पर ग्राहक को पेंशन उपलब्ध होगी। अभिदाता की मृत्यु के मामले में पेंशन पति/पत्नी को उपलब्ध होगी और उन दोनों (अभिदाता और पति/पत्नी) की मृत्यु पर पेंशन मूल निधि उसके नामिती को दे दी जाएगी। 60 वर्ष की आयु से पूर्व स्वैच्छिक निकास की अनुमति है। ऐसे अभिदाताओं के मामले में जिन्होंने एपीवाई के तहत सरकारी सह-अंशदान का लाभ लिया है, उसके अंशदान पर शुद्ध वास्तविक अर्जित आय (खाता रखरखाव शुल्क काटने के बाद) के साथ, सरकारी सह-अंशदान और सरकारी सह-अंशदान पर अर्जित उपचित आय, उसे नहीं दी जाएगी।