ATM से निकला कटा-फटा नोट तो किसकी जिम्मेदारी, कैसे बदलवा सकते हैं, बैंक करे मना तो क्या है RBI का नियम
आरबीआई के नियम के अनुसार बैंक इन नोटों को बदलने के लिए मना नहीं कर सकता। कटे-फटे नोटों को किसी भी बैंक में बदला जा सकता है। ग्राहक सरकारी बैंक की शाखाओं, प्राइवेट बैंक करेंसी चेस्ट शाखाओं या आरबीआई इश्यू ऑफिस के काउंटरों पर बिना किसी फॉर्म को भरे ही नोट बदल सकते हैं। बैंक इन नोटों को बदलने से मना नहीं कर सकते हैं।
एटीएम से निकलते तो किसकी जिम्मेदारी : आरबीआई के नियम के अनुसार एटीएम के नोट की जिम्मेदारी बैंक की होती है। एटीएम में पैसे डालने वाली एजेंसी की भी यह जिम्मेदारी नहीं होती है कि वह नोट को चेक करे। नोट में अगर कोई खराबी है तो इसकी जांच बैंक कर्मचारी की तरफ से ही की जानी चाहिए। अगर कोई नोट खराब, कटा-फटा या नकली है, तो ग्राहक उस बैंक की ब्रांन्च में जाकर नोट बदल सकते हैं, जिस बैंक के एटीएम से उन्होंने ट्रांजेक्शन किया था।
कितने नोट बदले जा सकते हैं : नोट बदलने के लिए आरबीआई के नियमों में इसकी सीमा भी तय की गई है। नियम के अनुसार एक बार में सिर्फ 20 नोट ही बदले जा सकते हैं और इन नोटों की कीमत 5000 से अधिक नहीं होनी चाहिए। 20 से ज्यादा खराब नोट हैं तो उससे लेन-देन शुल्क लिया जाएगा। ऐसे नोट जिन पर सीरियल नंबर, महात्मा गांधी का वॉटरमार्क और आरबीआई के गवर्नर की शपथ दिखाई दे रही है, तो इन नोटों को बैंक में बदला जा सकता है। हालांकि बुरी तरह जले, कटे-फटे नोटों को बदला नहीं जा सकता है। ऐसे नोट रिजर्व बैंक के इश्यू ऑफिस में ही जमा किए जा सकते हैं।