मुंबई। देश में आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम) की सुविधा 14 दिसंबर से प्रतिदिन चौबीसों घंटे काम करने लगेगी। इसके बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां यह सुविधा दिन-रात काम करती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अक्टूबर में आरटीजीएस प्रणाली को 24 घंटे काम करने वाली प्रणाली बनाने की घोषणा की थी। इससे पहले आरबीआई एनईएफटी को भी 24 घंटे काम करने वाली प्रणाली बना चुका है।आरटीजीएस बड़ी राशि के इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन में काम आने वाली प्रणाली है जबकि एनईएफटी से 2 लाख रुपए तक का ही ऑनलाइन लेन-देन किया जा सकता है। आरटीजीएस की शुरुआत 26 मार्च 2004 को हुई थी।
तब सिर्फ 4 बैंक ही इससे भुगतान की सुविधा देते थे। वर्तमान में आरटीजीएस से रोजाना 6.35 लाख लेन-देन होते हैं। देश के करीब 237 बैंक इस प्रणाली के माध्यम से 4.17 लाख करोड़ रुपए के लेन-देन को प्रतिदिन पूरा करते हैं। नवंबर में आरटीजीएस से औसत 57.96 लाख रुपए का लेन-देन किया गया, जो इसे वास्तव में बड़ी राशि के लेन-देन का एक उपयोगी विकल्प बनाता है। (भाषा)