वर्तमान में ग्राहकों से दुकानदारों (P to M) को पूंजी बाजार, बीमा, जैसे मामलों में प्रति लेनदेन 2 लाख रुपए, जबकि कर भुगतान, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पताल, आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए भुगतान सीमा 5 लाख रुपए है।
केंद्रीय बैंक के बयान के अनुसार, अर्थव्यवस्था की जरूरतों के मुताबिक नए उपयोग के मामलों में एनपीसीआई, बैंकों और यूपीआई परिवेश से जुड़े अन्य पक्षों के परामर्श से, उपयोगकर्ता की बदलती जरूरतों के आधार पर ऐसी सीमाओं की घोषणा और संशोधन कर सकता है।