यूजीसी ने अपनी सिफारिशों में कहा कि मध्य सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन या तो आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर हो या जिन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति सामान्य हो जाए, वहां जुलाई में परीक्षा आयोजित करके इसका निर्धारण हो।
इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय अपनी उपलब्ध सहायक व्यवस्था के आधार पर यह तय कर सकते हैं कि परीक्षा ऑनलाइन ली जाए या ऑफलाइन हो, साथ ही सभी छात्रों को पर्याप्त एवं बराबरी का मौका प्रदान किया जाए। यूजीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित करने के वैकल्पिक एवं सरल उपायों को अपना सकते हैं ताकि प्रक्रिया कम समय में पूरी की जा सके। वे परीक्षा की अवधि को 3 घंटे से घटाकर 2 घंटे कर सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि वे परीक्षा की योजना, नियम एवं नियमन के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा ले सकते हैं और इसमें सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का जरूर पालन करें, साथ ही यह सुनिश्चित करें कि सभी छात्रों को उचित मौका मिले।
इसमें कहा गया है कि जहां पिछले सेमेस्टर या पिछले वर्ष के अंक उपलब्ध नहीं हैं, खासतौर पर प्रथम वर्ष के वार्षिक परीक्षा पैटर्न में वहां 100 प्रतिशत जांच आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर की जा सकती है। (भाषा)