मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रेपो दर से जुड़े अपने होम लोन की ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उधार लेने वालों तथा रियल्टी कंपनियों के बढ़े ऋण जोखिमों को लेकर बाजार संकेतों के बीच यह कदम उठाया गया है।
बैंक ने अचल संपत्ति के एवज में लिए जाने वाले पर्सनल लोन पर भी ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। माना जा रहा है कि बाजार में अग्रणी स्थान रखने वाले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के इस कदम के बाद दूसरे बैंक भी इसका अनुसरण करेंगे।
एसबीआई ने गुरुवार को ही अपनी प्रधान उधारी दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की थी, जिसके बाद कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) से जुड़ी होम लोन की ब्याज दर भी घट गई। स्टेट बैंक के ज्यादातर होम लोन रेपो दर के आधार पर या एमसीएलआर के आधार पर ही दिए जाते हैं।
एसबीआई ने हालांकि, वाह्य मानक पर आधारित उधारी दरों को 7.05 प्रतिशत पर स्थिर रखा है, लेकिन विभिन्न होम लोन उत्पादों में मार्जिन में 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर गृह ऋण की दरों को बढ़ाया गया है। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक नई दरें एक मई से प्रभावी हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां में व्यवधान पैदा हुआ है। इससे कंपनियों और व्यक्तियों की आय भी प्रभावित हुई है।
स्टेट बैंक ने एक महीने के भीतर ही इसमें संशोधन किया है। एक माह पहले उसने होम लोन की दर में 0.75 प्रतिशत की कमी की थी। रिजर्व बैंक के रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कमी के बाद स्टेट बैंक ने एक अप्रैल 2020 को रेपो दर से जुड़ी ब्याज दरों में कटौती की थी।
इस वृद्धि के बाद स्टेट बैंक के 75 लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज दर में 0.20 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी जबकि 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर बाह्य बेंचमार्क से से जुड़ी ब्याज दर (ईबीआर) और उसके ऊपर होने वाली वृद्धि के साथ यह ब्याज दर 7.40 प्रतिशत होगी। एक अप्रैल 2020 को यह 7.20 प्रतिशत तय की गई थी। (भाषा)