माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आज सुबह से स्नानार्थियों का संगम क्षेत्र में आना जारी है और सुबह 10 बजे तक करीब 6 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। नगर के विभिन्न शिव मंदिरों में भारी संख्या में लोग शिवलिंग (Shivalinga) पर माला फूल, दूध आदि चढ़ा रहे हैं।
घाटों की लंबाई 8,000 फुट की : उन्होंने बताया कि स्नानार्थियों की सुविधा के लिए घाटों की लंबाई 6,800 फुट से बढ़ाकर 8,000 फुट कर दी गई है और कुल 12 घाट बनाए गए हैं एवं सभी घाटों पर पर्याप्त संख्या में वस्त्र बदलने की सुविधा स्थापित की गई है।
भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था : तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भोलेनाथ का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है विशेषकर बेलपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर आदि अर्पित किया जाता है।
भोलेनाथ को कहा जाता है पतित पावन : उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ अपनी बारात में उन सभी को आमंत्रित करते हैं जिनकी समाज उपेक्षा करता है इसीलिए भोलेनाथ को पतित पावन कहा जाता है। पुलिस उपमहानिरीक्षक (माघ मेला) डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि नगर के मनकामेश्वर मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर और नागवासुकि मंदिर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)