कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर को 32 साल की बाद एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष के रूप में विधानसभा में स्थान मिलने जा रहा है और जहां आज विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सतीश महाना निर्विरोध निर्वाचित हो चुके और सिर्फ कार्यभार संभालना बाकी रह गया है। 32 साल पहले 1990 में कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव को भी विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा चुका है।
2022 में कानपुर को दोबारा मिला सम्मान : 9 जनवरी 1990 को कानपुर को विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी की सरकार में जो सम्मान मिला था वही सम्मान 32 साल के बाद एक बार फिर 29 मार्च 2022 को कानपुर को मिला है। भारतीय जनता पार्टी से लगातार 8 बार के विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री रहे सतीश महाना निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए हैं और सतीश महाना विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पहले ऐसे अध्यक्ष हैं जिनक समर्थन विपक्षी दलों ने भी किया है।
आपको बता दें कि सतीश महाना बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं जिसके चलते जनता के बीच उनकी छवि बेहद अच्छी है जिसके चलते 1991 से अब तक रहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सभी सरकारों में सतीश महाना राज्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। इस बार वह लगातार आठवीं बार चुनाव जीते थे और मंत्री परिषद में स्थान न मिलने पर जो निराशा कानपुर वासियों को हो रही थी वह निराशा अब समाप्त हो गई है क्योंकि 32 साल के बाद एक बार फिर कानपुर की जनता को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सरकार की तरफ से तोहफा मिला है।
सतीश महाना का राजनीतिक सफर : सतीश महाना कैंट विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव 1991 में जीते थे। 1993, 1996, 2002, 2007 में कैंट विधानसभा सीट से ही चुनाव जीते। 2012, 2017 तथा 2022 के चुनाव में वह महाराजपुर से जीते। कानपुर से लगातार आठ बार विधायक। 5 बार कानपुर कैंट तथा तीन बार महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र। योगी आदित्यनाथ सरकार 1.0 में कैबिनेट मंत्री भी रहे चुके हैं। वह नगर विकास राज्यमंत्री, खादी, ग्रामीण उद्योग, टेक्सटाइल, एमएसएमई, निर्यात प्रोत्साहन मंत्री भी रह चुके हैं।