सपा नेता ने कहा कि दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके पास नोटबंदी और मंदी की मार के बाद न तो पैसे हैं और न ही नौकरी-रोजगार। भुखमरी और बेकारी झेल रहे, ऐसे बेरोजगार-बेबस लोग अपनी कमाई के लिए बाजार की गतिविधियों और गतिशीलता के सहारे ही दो वक्त की रोटी कमाते हैं।
यादव ने कहा कि इसीलिए शेयर बाजार के गिरने का बहुत बुरा और दूरगामी असर उनके जीवनयापन पर भी होता है। कड़वा सच ये है कि अगर एक फीसदी महाधनी लोगों को छोड़ दिया जाए तो देश के बाकी 99 प्रतिशत आम लोग अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप में शेयर बाजार की तबाही से तबाह हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था के इस दोहरे दुष्चक्र के लिए सीधे जिम्मेदार ही नहीं, दोषी भी है। निवेशक कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा। आपका अखिलेश।(भाषा)