Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक इमारतों को संजोने के लिए सरकार कटिबद्ध नजर आ रही है, लेकिन ऐसे में कुछ मुनाफाखोर सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। आगरा जिले में ASI ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने का जतन कर रही है, कुछ इमारतों को पुरातत्व विभाग ने कब्जा मुक्त करवाते हुए संरक्षण भी किया है, लेकिन कुछ को बचाया नहीं जा सका है, जिसमें से एक है 'मुबारक मंजिल' यानी औरंगजेब की हवेली। मुबारक मंजिल की खूबसूरती सदा के लिए दफन करने का आरोप एक बिल्डर पर लगा है, माना जा रहा है कि इस मुगलकालीन धरोहर का 70% हिस्सा ध्वस्त करके मलबा भी निकाला जा चुका है।
वर्तमान में इस हवेली का स्वामित्व स्व. उमेश खंडेलवाल के बेटे अमित खंडेलवाल पर बताया जा रहा है, उसने गुपचुप तरीके से यह भूमि बिल्डर विकास जैन को बेच दी थी। तीन महीने पहले भारतीय पुरातत्व विभाग ने इस मुबारक मंजिल का संज्ञान लिया था और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 30 सितंबर 2024 को इस ऐतिहासिक धरोहर औरंगजेब हवेली/मुबारक मंजिल को संरक्षित करने के लिए अधिसूचना भी जारी करते हुए 30 अक्टूबर 2024 तक आपत्तियां मांगी थीं।
राज्य पुरातत्व विभाग अपने अंतिम चरण की कार्यवाही करता, अंतिम अधिसूचना जारी करता उससे पहले ही इसका ध्वस्तीकरण शुरू हो गया और तोड़ने का आरोप बिल्डर विकास जैन पर लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुबारक मंजिल का अब तक 70% ध्वस्तीकरण हो चुका है।
धरोहर संरक्षण की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद मुबारक मंजिल के 1500 गज के हिस्से पर तोड़फोड़ का काम चल रहा था। हालांकि एएसआई ने किसी भी तरह की गतिविधि या तोड़फोड़ पर वहां रोक लगा दी थी, उसके बावजूद उसे ध्वस्त किया जा रहा था।
इस पूरे प्रकरण पर जिला प्रशासन ने मीडिया के कैमरे पर चुप्पी साध ली है, आगरा डीएम जांच की बात कह रहे हैं, साथ ही भूमि पर अपना हक जताने वालों के दस्तावेजों की भी जांच होगी। वहीं पुरातत्व विभाग के मुताबिक, मुगलकालीन धरोहर को तोड़ा नहीं जा सकता, जिसने भी धरोहर को नष्ट करने का प्रयास किया है, उस पर जांच के बाद एक्शन होगा।