न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने पिछले महीने प्रियांशी उर्फ समरीन और उसके जीवनसाथी द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिका में कहा गया था कि उन्होंने इस साल जुलाई में शादी की, लेकिन लड़की के परिजन उनकी वैवाहिक जिंदगी में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इस याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि अदालत ने दस्तावेज देखने के बाद पाया कि लड़की ने 29 जून, 2020 को अपना धर्म परिवर्तन किया और एक महीने बाद 31 जुलाई, 2020 को उसने शादी की जिससे स्पष्ट पता चलता है कि यह धर्म परिवर्तन केवल शादी के लिए किया गया।