स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना पड़ेगा कि उनके दो ही बच्चे हैं, अगर तीसरी संतान पैदा करते हैं तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने का प्रस्ताव है साथ ही चुनाव ना लड़ने का प्रस्ताव भी देना होगा।
इसमें कहा गया है कि अगर 2 बच्चों वाले दंपत्ति अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं दी जा सकती है। नसबंदी कराने वाले अभिभावकों को संतान के 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा, शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है।